दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार यानी 9 अक्टूबर को अपना इस्तीफा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपने के बाद कहा कि अब मैं मुक्त महसूस कर रहा हूं। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम के बाद से ही भाजपा दिल्ली सीएम और मेरी पार्टी को निशाना बना रही है। राजेंद्र गौतम के इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर्स की तरह के रिएक्शन दे रहे।
राजेंद्र गौतम का बयान
राजेंद्र पाल गौतम ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से इस्तीफे की जानकारी देते हुए लिखा, ‘आज महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकटोत्सव दिवस है एवं दूसरी ओर मान्यवर कांशीराम साहेब की पुण्यतिथि भी है। ऐसे संयोग में आज मैं कई बंधनों से मुक्त हुआ और आज मेरा नया जन्म हुआ है। अब मैं और अधिक मज़बूती से समाज पर होने वाले अत्याचारों व अधिकारों की लड़ाई को बिना किसी बंधन के जारी रखूंगा।’
बीजेपी पर साधा निशाना
राजेंद्र पाल गौतम ने अपने इस्तीफे के साथ एक चिट्ठी लिखी। जिसमें उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि
मनुवादी मानसिकता के लोग मुझे और मेरे परिवार को धमकी दे रहे हैं। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं। मैं अपने समाज के हक की लड़ाई आगे भी लड़ता रहूंगा। मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से पार्टी को कोई आ जाए। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा इस मामले में गंदी राजनीति कर रही है और इससे आहत होकर मैं अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं। जानकारी के लिए बता दें कि राजेंद्र गौतम का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें उनकी उपस्थिति में देवी – देवताओं की पूजा ना करने की शपथ ली जा रही थी।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
कन्हैया नाम के एक टि्वटर यूजर्स द्वारा कमेंट किया गया कि 75 साल में हिंदू से बौद्ध बने हुए कितने लोग छुआछूत से उबर पाए हैं। बाबा साहेब का जमाना नहीं है, आप लोगों को जो बोलना हो बोलिए लेकिन हिंदू – देवी देवताओं के बारे में कुछ बोला तो जनता सबक सिखाने के लिए तैयार है। सचिन नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘दलित विरोधी मानसिकता वाले लोग आज बहुत खुश होंगे लेकिन यह देश का नुकसान है।’
सुनील शर्मा नाम के एक यूजर ने लिखा कि क्या कीजिएगा गौतम जी, गुजरात में चुनाव है। जिसके लिए हिंदू की छवि बनाना बहुत जरूरी है और अगर यही चुनाव दिल्ली में होते तो आपको अरविंद केजरीवाल आगे पीछे लेकर टहलते रहते। सुरेशा शाह नाम के एक ट्विटर यूजर ने सवाल किया कि गुजरात चुनाव में क्या दिल्ली सरकार के मंत्री की कुर्सी छीन ली? ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल ने गुजरात चुनाव की वजह से ही ऐसा किया है।
