हरियाणा के जींद में CRPF जवानों ने ऐसा काम किया है जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। गांव छातर में रहने वाले CRPF के जवान सतीश कुमार 9 साल पहले 2015 में देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। अभी कुछ दिनों पहले ही उनकी बेटी की शादी हुई है, विवाह की खबर जब CRPF जवानों ने सुनी तो उन्होंने दोस्ती का फर्ज निभाया और समारोह में पहुंच गए। उन्हें देखकर गांव के लोग भी भावुक हो गए, जवानों की यह कोशिश थी कि ये शादी अच्छे से हो जाए और बेटी को अपने पिता की कमी न खले। सुबह से ही जवानों के घर पहुंचने का सिलसिला शुरु हो गया। देखते ही देखते उन्होंने एक-एक करके शादी की सारी जिम्मेदारी संभाल ली।
CRPF अफसर ने ही शहीद सतीश कुमार की बेटी का कन्यादान किया। यहां तक की जयमाला के लिए जब दुल्हन स्टेज की तरफ जा रही थी तो सभी जवान उसके साथ पिता और भाई की तरह साथ खड़े नजर आए। इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, लोगों का कहना है कि 9 साल बाद भी CRPF जवानों ने दोस्ती निभाई है। यह वीडियो भावुक करने वाला है।
CRPF के जवानों की हो रही तारीफ
वीडियो वायरल होने के बाद लोग CRPF के जवानों की खूब तारीफ कर रहे हैं। जवानों ने बताया कि सतीश कुमार उनके दोस्त थे, हर सुख-दुख के साथी थी। उनकी बेटी हमारी बेटी की तरह ही है। हम उनकी शहादत को कभी भी नहीं भुला सकते हैं। हम नहीं चाहते थे कि इतने महत्वपूर्ण दिन एक बेटी को उसके पिता की कमी खले, इसलिए हम यहां उसके साथ हैं। हमने उसका कन्यादान किया। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि इस शादी में कई सीआरपीफ जवान शामिल हुए हैं।
वीडियो में यह भी दिख रहा है कि दुल्हन अपने सोफे पर दूल्हे के साथ बैठी है, उसके हाथ में शहीद पिता की फोटो है। वहीं पीछे सभी सीआरपीफ के जवान खड़े होकर आशीर्वाद दे रहे हैं। जब जवानों ने बेटी का कन्यादान किया तो वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं।
दरअसल, सतीश कुमार 20 मार्च 2015 को जम्मू-कश्मीर के कठुआ में शहीद हुए थे। शनिवार को उनकी बेटी की शादी सकुशल संपन्न हुई। सीआरपीएफ के जवानों ने वधू की तरफ से बारातियों का स्वागत किया। वहीं सीआरपीएफ अफसर ने पिता का फर्ज निभाते हुए बेटी की कन्यादान किया। इसके बाद पूरे गांव के लोगों ने मिलकर बेटी की विदाई की।
सीआरपीएफ के डीआइजी कोमल सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘निशा हमारे शहीद सतीश की बेटी है, उससे हमारा खून का रिश्ता तो नहीं है मगर वह हमारे परिवार की बेटी है। वह सीआरपीएफ फैमिली का हिस्सा है और हम लोग यहां पर उसका सम्मान बढ़ाने के लिए पहुंचे हैं। हम उसे इस बात पर गर्व महसूस कराने आए हैं कि उसके पिता ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस खबर पर आपकी क्या राय है?