केंद्र सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल अगले तीन वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने गुरुवार को इस फैसले को मंजूरी दी। 3 साल का समय बढ़ने से शक्तिकांत दास दिसंबर 2024 तक आरबीआई गवर्नर बने रहेंगे। इस पर कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने तंज कसा है।

अपने ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा, चलिए अर्थव्यवस्था टिके न टिके, बहुत सालों बाद कोई गवर्नर तो आरबीआई में टिक पा रहा है। इस पर ट्विटर यूजर्स ने प्रतिक्रियाएं भी दी हैं। मुकुंद मृत्युंजय लिखते हैं कि इससे पता चलता है कि इन्होंने साहब के प्रति निष्ठा और ईमानदारी सिद्ध कर दी थी।

पीतांबर सिंह राघव ने लिखा कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन जो प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे, क्या केंद्र सरकार उनका कार्यकाल नहीं बढ़ा सकती थी? अशोक कुमार भाटिया लिखते हैं कि जब तक मोदी जी की कृपा है तब तक आरबीआई गवर्नर के पद पर बने रहेंगे, जब तक आरबीआई पूरी तरह से खाली नहीं हो जाता।

रिद्धि श्याम दुबे लिखती हैं कि अर्थव्यवस्था सुधरे ना सुधरे कुर्सी बनी रहनी चाहिए। लगता है आरबीआई की खराब हालत देखकर दूसरे ने आने से मना कर दिया होगा। विष्णु प्रकाश शर्मा ने लिखा कि शानदार काम करने वालों के लिए केंद्र सरकार ने शानदार निर्णय लिया है। मोहम्मद जहांगीर लिखते हैं कि 2024 तक लूटने का पूरा प्लान तैयार रखा है क्या?

गौरतलब है कि गवर्नर बनने से पहले शक्तिकांत दास वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के सचिव थे। 11 दिसंबर, 2018 को उन्हें 3 साल के कार्यकाल के लिए केंद्रीय बैंक के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। दास को उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद आरबीआई गवर्नर बनाया गया था।

शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास विषय में मास्टर्स किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य में ज्यादातर आर्थिक और वित्त विभागों में काम किया है। दास को वित्त मंत्रालय में सबसे पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया था। उस समय देश के वित्त मंत्री पी चिदंबरम थें। दास ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लागू की गई कई नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।