उत्तर प्रदेश चुनाव नजदीक आने की वजह से नेताओं के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही है। समाजवादी पार्टी की तरफ से लगातार ये आरोप लगाया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने के बाद ही अपने ऊपर लगे मुकदमे वापस ले चुके हैं। इतना ही नहीं सपा का आरोप है कि पांच साल में योगी सरकार ने कोई विकास का काम नहीं किया है। अगर काम किए होते तो उसके दम पर चुनाव लड़ते।
आज तक चैनल पर एक चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता पूर्वी वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री के ऊपर लगे मुकदमे उन्होंने खुद हटा लिए। ऐसे में बीजेपी के लोग लॉ एंड आर्डर की बात करें, ये अच्छा नहीं लगता। बीजेपी की सरकार ने कोई काम अच्छा नहीं किया है। अगर वो काम किये होते तो वे उसी पर वोट मांगते।’
इस पर जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि मै तो पूछ रहा हूं कि इत्र के मित्र वाले घर से जो चित्र निकलकर आए थे तो अखिलेश यादव को दर्द क्यों हो रहा था? क्योंकि भ्रष्टाचार हुआ था। लखीमपुर में जो घटना हुई, हमने उस पर कार्रवाई की है। राकेश तिवारी ने कहा कि जब-जब बुल्डोजर चलता है, तब-तब विपक्षियों के पेट में दर्द होता है।
बता दें कि समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और मंत्री सत्ता में आने के बाद अपने ऊपर लगे मुकदमों को खुद वापस ले लिए हैं। जबकि उनके ऊपर कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। सपा ने बीजेपी के दागी नेताओं को टिकट मिलने पर भी सवाल खड़ा किया है। हालांकि एक इंटरव्यू के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बात को स्पष्ट किया था कि उन्होंने, उपमुख्यमंत्री ने या किसी मंत्री ने अपने ऊपर लगे किसी मुकदमे को वापस नहीं लिया है। जो भी हुआ है, कानूनी प्रक्रिया के तहत हुआ है। वहीं बीजेपी, समाजवादी पार्टी पर दागियों, जेल में बंद अपराधियों को टिकट देने का आरोप लगा चुकी है।
गौरतलब है कि यूपी में 10 फरवरी से विधानसभा चुनाव की शुरुआत होने जा रही है और 10 मार्च को चुनाव के नतीजे सामने आएंगे। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोमवार को करहल विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। बीजेपी ने करहल विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। एसपी सिंह बघेल अखिलेश यादव के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
