दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान दो दिवसीय यात्रा पर गुजरात पहुंचे हैं। साबरमती आश्रम पहुंचकर दोनों ने चरखा भी चलाया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि “हम लोग 2 दिन के गुजरात दौरे पर आए हैं और आज गांधी जी को नतमस्तक होने के लिए हम उनके आश्रम आए। यहां आकर बहुत अच्छा लगा”।

वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि “इस जगह पर आकर बहुत अच्छा लगा। यहां बहुत अलग अहसास है। पंजाब में, हर किसी के घर में एक चरखा है। हम गांधी जी से बहुत जुड़े हुए हैं।” सीएम केजरीवाल और सीएम भगवंत मान की चरखा चलाने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

बसंत नाम के यूजर ने लिखा कि “कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर ठहाके लगा कर हंसने वाले हिंसक लोग आज गांधी बनने का ढोंग कर रहे हैं।” निखिल कुमार नाम के यूजर ने लिखा कि “चित्र बदलने से चरित्र नहीं बदलता, पंजाब में गांधी का तिरस्कार, गुजरात में गांधी से प्यार। वाह रे केजरीवाल।”

नितिन तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि “गांधी जैसी लोकप्रियता सभी को चाहिए, बस खुलकर बोलते नहीं।” जयपाल बेनीवाल नाम के यूजर ने लिखा “गिरगिट भी शर्मा जाए इनके नाटक पर, नरसंहार पर ठहाके मारकर हंसने वाले अहिंसा के पुजारी का अनुसरण कर रहे हैं। बड़ी विचित्र विडम्बना है कि एक इंसान ऐसा कैसे कर सकता है।”

सुरेश कुमार वर्मा नाम के यूजर ने लिखा कि “एक ओर पंजाब, दिल्ली में गांधी को दिये जा रहे सम्मान को खारिज कर देते हैं, उनकी तस्वीर हटा ली जाती है। परन्तु गुजरात में चुनाव लड़ना है, इसलिए साबरमती आश्रम जाकर गांधी के चरखे पर हाथ आजमाते दिख रहे हैं। क्योंकि गांधी जी गुजरात से हैं।” बाबुसिंह सोलंकी नाम के यूजर ने लिखा कि “पंजाब में बापू की तस्वीर गायब करने वाले, गुजरात में जाकर ‘चरखा’ चला रहे हैं। जरा पता करो, क्या गुजरात में चुनाव है?”

कांग्रेस नेत्री रुचिरा चतुर्वेदी ने लिखा कि “ये वो लोग हैं जो सत्ता हासिल करने के लिए महात्मा गांधी का इस्तेमाल करते हैं और सत्ता मिलते ही बापू की तस्वीर से भी परहेज करते हैं।” नदीम राम अली नाम के यूजर ने लिखा कि “यह तस्वीर उन नखली गांधीवादियों को करारा जवाब हैं, जो कहतें हैं केजरीवाल ने गांधी जी की तस्वीर क्यों नहीं लगवाई। गांधी जी केजरीवाल के विचारों में हैं, कर्म में हैं।”