उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से संपूर्ण समाधान दिवस की शुरुआत की गई। इस दिन जिले के अधिकारी एक साथ बैठकर लोगों की समस्याओं को सुनते हैं और समाधान करते हैं। हालांकि जिला चित्रकूट का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें संपूर्ण समाधान दिवस पर बैठे अधिकारी लोगों की समस्याओं को सुनने की जगह या तो झपकी लेते दिखे या फिर मोबाइल फोन में व्यस्त रहे। समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने अधिकारियों का वीडियो शेयर कर उत्तर प्रदेश सरकार पर तंज कसा है।
वीडियो चित्रकूट के मानिकपुर तहसील का है, पोस्टर पर लिखा है कि संपूर्ण समाधान दिवस, जो प्रत्येक महीने पहले और तीसरे शनिवार को आयोजित किया जाता है। इस संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान ADM कुर्सी पर बैठकर झपकी लेते दिखाई दिए तो वहीं पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी मोबाइल फोन में व्यस्त थे। वहां मौजूद एक अन्य अधिकारी लोगों की समस्या सुन रहे थे।
वीडियो को शेयर कर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘यही है उप्र भाजपा सरकार का अद्भुत सम्पूर्ण समाधान… बड़े साहब हुए निद्रामग्न, छोटे का लगा मोबाइल में ध्यान… मुख्यमंत्री जी आप ही बताएं ऐसे कैसे होगा जनता का कल्याण!’
सोशल मीडिया पर अन्य लोगों की प्रतिक्रियाएं
एक ने लिखा, ‘नींद आ रही है तो पहले नींद पूरा करने दीजिए. काम का क्या है काम तो हमेशा ही लगा रहता है।’ आर्यन ने लिखा, ‘सही है ,कोई कामचोर हो जाये तो क्या करना चाहिए? मेरी राय है कि उसे निकाल देना चाहिए।’ एक अन्य ने लिखा, ‘हमारे चित्रकूट का यही हाल है। जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही। एक से बढ़कर एक ईमानदार अधिकारियों का सिर्फ नाम है और कुछ नहीं।’
एक ने लिखा, ‘जब इसी तरह से प्रशासन सोता है और देवरिया जैसे कांड हो जाते हैं यह सरकार की नाकामी है।’ नवनीत ने लिखा, ‘आपके भी कार्यकाल में यही दशा थी। सबके कार्यकाल में यही होता है। इसमें इतना उतावलापन दिखाने की जरूरत नहीं है।’ एक अन्य ने लिखा, ‘अगर इतनी सख्ती के बाद भी अधिकारियों का ये हाल है तो सोचिए कि ये कितनी मनमानी करते होंगे।’ एक ने लिखा, ‘हो सकता है कि अधिकारी महोदय की तबियत ठीक ना हो लेकिन दबाव के चलते आ गए हों। हम सभी के साथ कभी-कभी ऐसा हो जाता है।’
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर योगी सरकार पर हमलावर हैं तो वहीं कुछ अखिलेश यादव को जवाब देते हुए कह रहे हैं कि लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है। किसी एक घटना के चलते प्रदेश के अधिकारियों को बदनाम नहीं करना चाहिए। कुछ ने यह भी कहा कि अधिकारी भी इंसान हैं। हो सकता है कि तबियत ठीक ना हो. इस पर बवाल करना उचित नहीं है।