छत्तीसगढ़ में एक अफसर पर आरोप है कि महंगा फोन जलाशय में गिर जाने के बाद उन्होंने पानी निकालने के लिए पंप लगा दिए। फोन के लिए अफसर ने इतना पानी को बहा दिया जिससे डेढ़ हजार एकड़ के खेत में सिंचाई हो सकती थी। बताया जा रहा है कि जलाशय खाली करने के लिए तीन दिन तक पंप चलवाया गया, जब विवाद बढ़ा तो आनन-फानन में पंप को हटाया गया।
छत्तीसगढ़ के कांकेर का है मामला
मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर का बताया जा रहा है, जहां खाद्य अधिकारी का लाख रुपये का फोन जलाशय में गिर गया था, जलाशय में पानी काफी ज्यादा था। गोताखोर की मदद से फोन को खोजने की कोशिश हुई नहीं मिला तो पानी निकालने वाले पंप लगा दिए गए और तीन दिन तक पानी निकाला गया। अनुमान है कि इस दौरान करीब 21 लाख लीटर पानी बहा दिया गया।
अधिकारी पर हुई कार्रवाई
हालांकि जब इसकी चर्चा होनी लगी तो अधिकारी ने पंप से पानी निकालने का काम रुकवा दिया। फोन भी मिल गया लेकिन फोन पानी में रहने की वजह से खराब हो चुका था लेकिन अब इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लोग आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश में इसे मुद्दा बनाने की भी कोशिश की जा रही है। विवाद अधिक बढ़ता देख अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है।
भाजपा विधायक @saurabhsinghcg ने इस पर कहा है, “कांकेर में एक अधिकारी ने अपना मोबाइल फोन खोजने के लिए नहर से डेढ़ हजार एकड़ खेत सींचने लायक 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। भूपेश सरकार अपने आप को किसान हितैषी बताती है वह झूठ है। इस अधिकारी पर तत्काल कार्यवाही करें।” एक यूजर ने लिखा कि इस अफसर पर FIR दर्ज होनी चाहिए, इतनी गर्मी में जो पानी लाखों लोगों का जीवन बचा सकता था उसे बर्बाद कर दिया।
नीरज सिंह नाम के यूजर ने लिखा, “1 लाख रुपये के मोबाइल के लिये अफसर पर 21 लाख लीटर पानी बहाने का आरोप है जिससे डेढ़ हजार एकड़ के खेत में सिंचाई हो सकती थी। 3 दिनों तक 30 एचपी के 2 डीजल पंप लगाकर पानी को खाली किया गया, फिर फोन को निकाला गया वैसे फोन अब चल नहीं रहा है।” एक यूजर ने लिखा -“आज भी ग्रामीण इलाकों में सिचाई के लिए पानी का अभाव है, पीने के लिए पानी कई किलोमीटर दूर से लाया जाता है l फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर है तो कही टैंकर, तालाब, नाले पर आश्रित है और ये अधिकारी पानी को बर्बाद कर दिया। बेहद शर्मनाक है।”