गायक-अभिनेता से भाजपा के बड़े नेता (सांसद और दिल्‍ली प्रदेश अध्‍यक्ष) बने मनोज तिवारी एक ट्वीट की वजह से विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ‘अर्बन नक्‍सल’ बताया है। ट्वीट में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने लिखा, ‘अरविंद केजरीवाल अर्बन नक्सल हैं। संवैधानिक पद पर बैठे मुख्यमंत्री को संविधान का अनादर करने का कोई हक नहीं है, ऐसे CM के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’ मनोज तिवारी के इस ट्वीट पर आम आदमी पार्टी समर्थक खासे भड़क गए। आप के अमित मिश्रा ने उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के सांसद की उस तस्वीर को शेयर कर तंज कसा है जिसमें वह पुलिस अधिकारी का कॉलर पकड़ते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा ट्वीट में लिखा गया है, ‘संविधान की बात कर रहे हैं मनोज तिवारी।’ बैजनाथ मोर्य ने एक वीडियो शेयर कर लिखा है, ‘एक सांसद जिसकी जिम्मेदारी है कि वो कानून को मजबूत करे उसकी इज्जत करे। वही सांसद गुंडागर्दी करके एक कानून के रखवाले “IPS”अफसर को मारे ये संविधान के किस पन्ने में लिखा है तिवारी जी।’

क्या है विवाद
मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल के उस बयान पर उन्हें अर्बन नक्सल बताया जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के फैसले का समर्थन किया था। केजरीवाल ने आंध्र प्रदेश में सीबीआई को छापे मारने और जांच करने के लिए दी गई सामान्य रजामंदी वापस लेने के चंद्रबाबू नायडू सरकार के फैसले का शुक्रवार को समर्थन किया था। केजरीवाल ने यह भी कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नायडू को आयकर अधिकारियों को राज्य में प्रवेश नहीं करने देना चाहिए। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने मोदी सरकार पर सीबीआई और आयकर विभाग का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। इसके अलावा केजरीवाल ने एक ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘बिलकुल सही किया चंद्रबाबु जी ने। मोदी जी CBI और इनकम टैक्स विभाग का दुरुपयोग कर रहे हैं। आज तक नोटबंदी, विजय माल्या, राफ़ेल, सहारा बिडला डायरी आदि घोटाले करने वालों को CBI ने क्यों नहीं पकड़ा? नायडू जी, इंकम टैक्स वालों को भी अपने राज्य में मत घुसने देना।’

गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश सरकार ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए राज्य में बिना इजाजत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से छापा मारने या जांच करने पर पाबंदी लगा दी है। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की सरकार ने केंद्र सरकार के अधिकारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई अधिकारियों को दी गई जांच के क्षेत्राधिकार की ‘आम सहमति’ को निरस्त कर यह आदेश जारी किया है। चंद्रबाबू नायडू सरकार ने यह कदम सीबीआई में जारी संकट के बीच उठाया है जिसमें एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। आंध्रप्रदेश के मुख्य सचिव (गृह) ए.आर. अनुराधा ने 8 नवंबर को दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम (डीएसपीई),1946 के अंतर्गत मिले अधिकारों का इस्तेमाल कर यह आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने इस साल 3 अगस्त को सीबीआई को राज्य में उसकी शक्तियों और क्षेत्राधिकार का प्रयोग करने पर अपनी आम सहमति दी थी। अब इसे डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत निरस्त कर दिया गया है। (एजेंसी इनपुट सहित)