हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति खराब दिखाए जाने बाद सरकार ने इस आंकड़े पर सवाल उठाये हैं। भारत को 121 देशों में 107वें पायदान पर रखा गया है। इस इंडेक्स के अनुसार, भारत की स्थिति पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल और बांग्लादेश से भी बदतर दिखाई दे रही है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स की रिपोर्ट पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सवाल उठाया है।

मनोज तिवारी ने हंगर इंडेक्स पर उठाए सवाल

मनोज तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि अनाज की क़िल्लत से उनके देश में कोई भूख से ना मरे इसलिए भारत से अनाज की मदद ली और इंडेक्स में वो हम से आगे, कैसे भैया जी? भारत सरकार ने अपने देश में 80 करोड़ लोगों को कोरोना के चलते पिछले 2.5 साल से मुफ़्त राशन भी दिया तो भला ग्लोबल इंडेक्स में कैसे पीछे? इस प्रणाली पर प्रश्न तो उठेगा ही।

लोगों की प्रतिक्रियाएं

मनोज तिवारी के इस ट्वीट पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। विजय फुलारा नाम के यूजर ने लिखा कि आप लोगों ने तो ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों को भी नकार दिया था क्योंकि तुम्हारे घर से कोई नहीं मरा था इसलिए? @pandittnitesh यूजर ने लिखा कि पूरी दुनिया के सामने खुद मोदी की कहते हैं कि हमारे देश में हम 85 करोड़ लोगों को सरकारी अनाज दे रहे हैं ताकि वो अपना पेट भर सके तो इसका मतलब तो यही हुआ ना कि हमारे देश में 85 करोड़ भूखे हैं।

@Thakur87654 यूजर ने लिखा कि जिस देश की सरकार स्वयं सीना ठोककर कहे कि १३० में से ८० करोड़ गरीब हैं जिनको मुफ़्त राशन हमने दिया है तो फिर ग्लोबल हंगर इंडेक्स पर सवाल क्यों? @kumar_tejeshwar यूजर ने लिखा कि वाह, “उल्टा चोर कोतवाल को डांटे”, अपने सिस्टम और प्रणाली में झांक कर देखिए जनाब और गांव स्तर पर उतर कर देखिए। दिल्ली और शहर में रहकर ये सब नजर नहीं आएंगे।

भारत के पड़ोसी देशों की बात करें तो इस इंडेक्स में पाकिस्तान 99 वें और बांग्लादेश 84वें स्थान पर और नेपाल, म्यांमार और श्रीलंका क्रमशः 81वें, 71वें और 64वें नंबर पर हैं। अफगानिस्तान ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 109वें स्थान पर है। हंगर इंडेक्स सामने आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार के 8 साल में 2014 के बाद से भारत का स्कोर खराब हुआ है। हिंदुत्व, हिंदी थोपना और नफरत फैलाना भूख की दवा नहीं है।