देश में मस्जिद-मंदिर का विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अयोध्या का विवाद खत्म हुआ तो अब वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मथुरा में भी मस्जिद और मंदिर का विवाद चल रहा है, इसी बीच भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने राष्ट्रीय ध्वज को लेकर एक ऐसा बयान दे दिया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है।
केएस ईश्वरप्पा ने कहा है कि आरएसएस का झंडा एक दिन राष्ट्रीय ध्वज बनेगा, इसमें कोई शक नहीं है। साथ में उन्होंने यह भी कहा है कि संविधान के अनुसार, तिरंगा राष्ट्रीय ध्वज है और हम उसे वह सम्मान देते हैं, जो उसे देना चाहिए। केएस ईश्वरप्पा ने आगे कहा, भगवा के लिए सम्मान आज या कल से नहीं शुरू हुआ। हजारों साल से इसका सम्मान किया जाता रहा है। भगवा झंडा त्याग की निशानी है।
लोगों की प्रतिक्रियाएं: कांग्रेस नेता अलका लांबा ने लिखा कि ‘कट्टर संघी, ना ही इन्हें भारत का संविधान मंजूर है और ना ही भारत का तिरंगा झंडा। गद्दार हैं यह सब।’ मोहम्मद नदीम ने लिखा, ‘यही बात कोई मुसलमान बोल देता तो कसम से जितनी जांच एजेंसी भारत में हैं, सारी उसके पीछे लग जाती, NSA,UAPA,TADA (former) सारी धाराएं लगाकर जेल में डाल दिया जाता।’
विक्रम सिंह मीणा ने लिखा, ‘हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान करने के जुर्म में इस पर राष्ट्र द्रोही का केस लगना चाहिए।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘इन पर अब कार्रवाई कब होगी..? देशद्रोह का मुकदमा नि:संदेह बनता है, आखिर तिरंगे से इतनी नफरत क्यों?’ आकाश मिश्रा ने लिखा कि ‘किसी की हिम्मत नहीं ऐसा करने की। RSS के भगवा झंडा को राष्ट्र ध्वज बनने नहीं देंगे। राष्ट्र ध्वज को बचाने के लिये संघर्ष करेंगे।’
बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब केएस ईश्वरप्पा ने विवादित बयान दिया हो। इससे पहले भी एक बयान में कहा था कि वह सैकड़ों साल पहले भगवान रामचंद्र और मारुति के रथों पर भगवा झंडे थे। क्या तब हमारे देश में तिरंगा झंडा था? अब यह हमारा राष्ट्रीय ध्वज है, इसलिए इसे पूरा सम्मान देना चाहिए। उनके इस बयान पर कर्नाटक में खूब बवाल हुआ था। केएस ईश्वरप्पा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद, एक ठेकेदार ने आत्हमत्या कर ली थी, लिहाजा उन्हें कबिनेट से बाहर कर दिया गया था।
