मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव, समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं हैं। चुनाव से पहले यादव परिवार में बीजेपी की इस सेंधमारी को अखिलेश यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हालांकि सपा नेता कह रहे हैं कि अपर्णा यादव के पास अपना कोई जनाधार नहीं है, उनके जाने से सपा को कोई फर्क नहीं पड़ता। बीजेपी को अब सपा पर तंज कसने का एक मौका मिल गया है।

बीजेपी नेता ने कसा तंज: अपर्णा यादव के सपा छोड़ने पर लोग मुलायाम सिंह यादव के उस बयान का जिक्र कर रहे हैं, जिसमें पूर्व सीएम ने कहा था कि “लड़के हैं, गलती हो जाती है”। बीजेपी नेता निघत अब्बास ने बिना किसी नेता का नाम लिए ट्वीट किया, “जाओ बहू जाओ ! तुम भाजपा में ही सुरक्षित रहोगी, हमारे यहां तो लड़कों से गलती हो जाती है!”

“अखिलेश को भी बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए”: अब आम लोग भी अपर्णा यादव के पार्टी बदलने पर लगातार अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। गौतम सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि “आज से पहले अपर्णा जी, मुलायम सिंह जी की बहू थी। जैसे ही बीजेपी जॉइन कीं तो कुछ जातियों के ठेकेदार ने उन्हें बिष्ट (bisht) कहना शुरू कर दिया”। अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने पर अखिलेश यादव ने कहा था कि ‘मुझे इस बात की ख़ुशी है कि वहां (बीजेपी) में भी समाजवादी विचारधारा का विस्तार हो रहा है’। इसी पर तंज कसते हुए विश्वरंजन पटनायक ने लिखा कि “अगर ऐसा है तो अखिलेश को भी बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए। समाजवादी विचारधारा का विस्तार तेजी से होगा। क्या वह शामिल होंगे?”

अपर्णा को सपा में दबा कर रखा गया”: ओम कुमावत ने बीजेपी नेता के साथ खड़ी, अपर्णा यादव की तस्वीर को शेयर करते कहा कि वो फ्यूज बल्बों की झालर इकट्ठी करते रहे और ये उनके घर से जलती हुई नई LED लाइट उतार लाए। संजीव पाण्डेय नाम के यूजर ने लिखा कि गलती तो उस समय भी हुई थी, जब डिम्पल भाभी के साथ छेड़खानी की गई और उन्होंने आपके भैया से शिकायत कर देंगे कि दुहाई दी थी। भारत की छोटी बहुएं क्रांतिकारी होती है। मेनका जी की तरह इनको भी उपेक्षित रखा गया,दोनों राष्ट्रवादी सोच की हैं। जहां सम्मान मिलता है, व्यकि का झुकाव भी वहीं रहता है ।

समाजवादी पार्टी का तीसरा टुकड़ा?: निरंजन कुमार ने लिखा समाजवादी पार्टी के परिवार में यह तीसरा टुकड़ा हो चुका है। पहला अखिलेश यादव, दूसरा समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य शिवपाल सिंह और अब तीसरा अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हो चुकी है। अब समाजवादी पार्टी पूंजीवाद का रूप ले चुकी है। जनता अपना वैकल्पिक विचारधारा चुन चुकी है।

बता दें कि बुधवार को समाजवादी पार्टी से नाराज बताई जा रहीं अपर्णा यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया। इसके बाद कई सपा नेताओं ने कहा कि उनके जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं बीजेपी नेता इसे अपनी बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रहे हैं और सपा की नाकामी बता तंज कस रहे हैं।