राम नवमी के अवसर पर देश भर में निकाली गई शोभायात्रा के दौरान कई राज्यों में संप्रदायिक हिंसा हुई। जिसको लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। एमपी के खरगोन में आरोपियों के घर पर चलाए गए बुलडोजर को लेकर भी उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी है। इसी विषय पर हो रही टीवी डिबेट के दौरान बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ओवैसी पर भड़क गए।
रिपब्लिक भारत समाचार चैनल पर हो रही चर्चा के दौरान एंकर द्वारा कपिल मिश्रा से ओवैसी के बयान पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘ ओवैसी जेनेवा संधि का उदाहरण देकर कह रहे हैं कि बुलडोजर चलाना सही नहीं है, यह इस कानून के खिलाफ है।’ कपिल मिश्रा ने जिनेवा संधि का अर्थ बताते हुए कहा कि क्या वह भारत को दो देशों में बांटना चाहते हैं।
ओवैसी पर भड़कते हुए कपिल मिश्रा ने कहा कि यह वही लोग हैं जो कहते थे कि 15 मिनट के लिए पुलिस हटा दो, अब बोलना कि 15 मिनट पुलिस हटा दो। उन्होंने आगे धमकी भरे अंदाज में कहा कि, ‘ जिनके छत पर पत्थर मिलेंगे, उन्हें अपने घर की ईटें उठानी पड़ेगी। कानून के हिसाब से इसमें क्या गलत है?’ उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या जिनके घर पर पत्थर नहीं है, उनके घर पर बुलडोजर चल रहा है?
इसके साथ उन्होंने यह भी पूछा कि क्या किसी बेगुनाह के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है? कपिल मिश्रा ने असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जब दंगाइयों के घर पर बुलडोजर चलाया जा रहा है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है। रामनवमी के दिन हुई हिंसा पर उन्होंने कहा कि शोभायात्रा पर पत्थर क्यों फेंके गए?
लोगों की प्रतिक्रियाएं : गौरव वशिष्ट नाम के एक टि्वटर हैंडल से लिखा गया कि कपिल मिश्रा ने बहुत स्पष्ट शब्दों में ओवैसी को समझा दिया है। बृजेश नाम के एक यूजर ने कमेंट किया – ओवैसी अब अपना 15 मिनट भूल गए। भावेश नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि अगर संप्रदायिक हिंसा को रोक नहीं सकते हैं तो उसे बढ़ाने का प्रयास ना करें। वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा कि आप जैसे नेता ही देश में शांति नहीं रखने दे रहे हैं अपने वोट बैंक के लिए क्या क्या करोगे?