शारदीय नवरात्री की शुरुआत हो गई है। आज नवरात्री का दूसरा दिन है। देशभर में मां दुर्गा के नौवों रूप की पूजा हो रही है। माता की प्रसन्नता के लिए लोग तरह-तरह के अनुष्ठान कर रहे हैं। हालांकि, कुछ भक्त ऐसे हैं जो माता की भक्ति से लोगों को चौंका रहे हैं। उनकी भक्ति देख लोग ये कहने पर मजबूर हो जा रहे हैं कि ऐसी भक्ति तो कहीं देखी ही नहीं है।

हम आज आपको ऐसे ही एक भक्त से मिलाने जा रहे हैं। इनका नाम है बाबा नागेश्वर दास। बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले 64 वर्षीय नागेश्वर बीते 28 साल से अपने सीने पर कलश रखकर माता की आराधना करते आ रहे हैं। 36 साल की उम्र से ही वे पटना के सचिवालय के पास स्थित मनोकामना मंदिर में अपने सीने पर कलश की स्थापना करते आ रहे हैं।

इस दौरान वे मंदिर में ही मां दुर्गा की मूर्ती के आगे लेटे रहते हैं। नौ दिनों तक वो कुछ खाते-पीते नहीं हैं। यहां तक की मां दुर्गे की भक्ति में वो इतने लीन रहते हैं कि वो नित्य कर्म तक नहीं करते।

नागेश्वर बाबा इस संबंध में बताते हैं कि वो नवरात्रि शुरू होने के दो दिन पहले ही वो अन्न-जल त्याग देते हैं। ऐसे में नवरात्रि शुरू होने के दिन तक वो पूरी तरह शुद्ध हो जाते हैं। वहीं, वो नवमी के बाद तुरंत उपवास नहीं तोड़ते। वे विजयादशमी के दूसरे दिन ही अन्न-जल ग्रहण करते हैं।

उन्होंने कहा कि वे जब 36 साल के थे, तभी ही उन्होंने इस अनुष्ठान की शुरुआत की थी। तभी से माता का आशीर्वाद उनके साथ है और उन्हें ऐसा करने में किसी तरह की परेशानी नहीं होती है। वे बताते हैं कि शुरुआत में वो सीने पर एक ही कलश रखते थे। लेकिन धीरे-धीरे कलशों की संख्या बढ़ती चली गई।

बता दें कि पटना स्थित मनोकामना मंदिर काफी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि मंदिर में आने वालों की सारी मनोकामना मां दुर्गे की कृपा से पूरी होती है। ऐसे में कई लोग मंदिर में आराधना करने के लिए पहुंचते हैं। खासकर नवरात्रि में मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है।