तापमान बढ़ने और बिजली कटौती से जहां एक तरफ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ बिजली के मुद्दे पर जमकर राजनीति हो रही है। इसी बीच किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के आरोप में जेल में बंद आशीष मिश्रा को लेकर एक चौकाने वाली जानकारी सामने आई। खबरों के अनुसार, आशीष मिश्रा को जेल में खूब सारी सुविधाएं दी जा रही हैं, सोशल मीडिया पर लोग इस पर आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
पत्रकार संजय शर्मा के अखबार में छपी खबर को शेयर किया है, जिसमें लिखा है कि जिस बैरक में आशीष मिश्रा को रखा गया है, उसमें चार कूलर लगाए हैं। गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा का खाना भी घर से आता है। जो जेल के नियमों का उल्लंघन है। इतना ही नहीं, आशीष मिश्रा खुद के लिए बाहर से पान भी मंगवाते हैं।
खबर को शेयर कर संजय शर्मा ने लिखा कि “गर्मी भी कम थोड़े ही है। बाप के मंत्री होने की गर्मी। खुद के गुंडे होने की गर्मी। सरकार खुद होने की गर्मी। अब इतनी गर्मी जब आसपास है तो चार तो क्या आठ कूलर भी कम पड़ जाएंगे। यह तो मेहरबानी है कि जेल में ही सो रहे हैं, वरना सोने घर भी जा सकते हैं मंत्री जी के लाड़ले पुत्र।”
हिमांशु अवस्थी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘इधर शिमला बना दें तो आराम हो जाए। शिवम नाम के यूजर ने लिखा कि ‘वातानुकूलित जेल बनाने का प्रस्ताव कैसा रहेगा?’ कपिल सक्सेना नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बर्फ की सिल्ली पर लेटा देना चाहिए।’ प्रवीण सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘हां भाई गर्मी तो गर्मी है. चाहे वो तापमान का हो या फिर राजनीति की।’
अशोक कुमार यादव नाम के यूजर ने लिखा कि ‘किसान भाइयों को थार जीप के पहियों के नीचे कुचलने वाले को जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट मिलना बेहद चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण और भयावह है।’ सुधीर सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘यह लखीमपुर खीरी की जनता का दुर्भाग्य है कि इतने बड़े नरसंहार के बाद भी भाजपा विधानसभा सीटें जीत गयी तो VIP बनकर रहेगा ही।’ वर्षा सिंह नाम की यूजर ने लिखा कि ‘गर्मी बर्दास्त नहीं कर पा रहा है मंत्री पुत्र, VVIP ट्रीटमेंट दिया जा रहा है।’
वहीं लखीमपुर के एसपी संजीव सुमन ने कहा है कि हाल ही में खबरें छापीं गई कि जेल में बंदियों को विशेष सुविधाएं दी जा रही हैं। मेरे द्वारा औचक निरीक्षण किया गया, उस बैरक में भी गए, जिस बैरक को लेकर आरोप लगाये गए हैं। हमें वहां पर ऐसा कुछ नहीं मिला तो आम बंदियों को नहीं मिलना चाहिए। वहां कोई कूलर नहीं था बल्कि पंखा था जो कि कैदियों को मिलता ही है। इस तरह की भ्रामक खबर छापने वाले अखबार के खिलाफ हम नोटिस जारी कर रहे हैं और आगे से ऐसा करने पर कार्रवाई भी की जाएगी।