जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) से उनका नाम पूछने के बाद गोली मार दी। सेब के बागान में खड़े कश्मीरी पंडित भाइयों पर आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें सुनील कुमार भाटी की मौत हो गई जबकि उनके भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। इसको लेकर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर तीखा हमला किया। सोशल मीडिया यूजर्स ने भी केंद्र सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए।

असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम पर किया तीखा हमला

कश्मीरी पंडितों पर हुए आतंकी हमले को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सोचा था कि 370 को हटाने के बाद कश्मीरी पंडितों को फायदा होगा लेकिन वह आज भी असुरक्षित हैं। ओवैसी ने कहा, ‘कश्मीर में बीजेपी द्वारा नियुक्त एलजी हैं, मोदी का प्रशासन है। इसके बावजूद इस तरह की घटना हुई। पीएम मोदी इसे रोकने में नाकाम हैं।’

कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री से पूछे सवाल

कश्मीरी पंडित भाइयों पर हुए हमले को लेकर कांग्रेस ने प्रेस कांफ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किए हैं। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि समय आ गया है, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अपनी कश्मीर नीति को लेकर देश को संबोधित करें और श्वेत पत्र पेश करें। इसके साथ ही कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार बताए कि आखिर क्यों उसकी कश्मीर नीति विफल रही है।

कश्मीरी पंडित की हत्या पर भड़के अनुपम खेर

बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने कश्मीरी पंडित की हत्या पर कहा कि शर्मनाक है कि आज भी कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार जारी है। वे अपनों को भी मार रहे हैं, वे भारत के साथ खड़े होने वाले सभी लोगों को मार रहे हैं। यह पिछले 30 वर्षों से हो रहा है, आप इसकी जितनी निंदा करेंगे। उतना ही कम होगा लेकिन हमें इस मानसिकता को बदलना होगा। इसके साथ ही उन्होंने ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर सवाल उठाने वाले लोगों पर भड़कते हुए कहा कि इन लोगों से बड़ा पाखंडी कोई नहीं है।

आम लोगों की प्रतिक्रियाएं

निखिल रेड्डी नाम के एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया कि कश्मीरी पंडितों का धर्म देखकर उनकी हत्या करने वाले लोग कौन हैं? वह किस संप्रदाय से आते हैं, इस पर भी लोगों को खुलेआम टिप्पणी करनी चाहिए। राम शुक्ला नाम के ट्विटर यूजर के लिखते हैं, ‘कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा क्यों नहीं दे पा रही है नरेंद्र मोदी सरकार, पूर्ण बहुमत वाली सरकार अगर आतंकवादियों पर नकेल नहीं कस पा रही है तो आगे क्या होगा।’