टीआरपी घोटाले (TRP Scam) में गिरफ्तार बार्क (BARC) इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने मुंबई पुलिस को दिए एक लिखित बयान में बताया है कि उनको रिपब्लिक टीवी (Republic TV) के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) से 12 हजार डॉलर मिले थे। बकौल पार्थो उनको तीन साल के दौरान कुल 40 लाख रुपये भी मिले जिसके लिए उनको रिपब्लिक के पक्ष में रेटिंग में छेड़छाड़ करनी थी। यह जानकारी उस सप्लीमेंट्री चार्जशीट से मिली है जो कि टीआरपी घोटाले मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई है।
पार्थो दासगुप्ता के इस कथित दावे के बाद सोशल मीडिया यूजर्स अर्णब गोस्वामी पर निशाना साध रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार (Ravish Kumar) ने भी अर्णब पर कुछ तीखे सवाल दागे हैं। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर पूछा है कि क्या अर्णब गोस्वामी पुलिस के सामने दिए गए इस बयान के आधार पर अभियान चलाना चाहेंगे? इसके पहले तो वे यही करते रहे हैं। पुलिस के सामने दिए गए बयानों को लेकर न जाने कितने लोगों की ज़िंदगी इस आदमी ने तबाह की है।
रवीश कुमार ने आगे लिखा- इस एंकर के चलाए अभियान की वजह से समाज में सांप्रदायिक सोच के लोगों की तादाद बढ़ी है और उनकी आड़ में इंसाफ़ की संस्थाएं ख़त्म की गई हैं। चूंकि सत्ता का मौन समर्थन हासिल है इसलिए कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता की किस राह पर हैं।
रवीश कुमार ने ये भी लिखा कि रिपब्लिक नाम रख कर सारा काम रिपब्लिक की मूल भावनाओं के ख़िलाफ़ करना है। नेता की गोद में बैठ कर लाठी भांजना और दूसरों का डराना आसान होता है। पिछले ज़माने के लठैत और बाद में बाहुबली यही करते थे। अब अर्णब गोस्वामी यही काम करते हैं। उनकी तरह के बाक़ी अर्णब भी यही काम करते हैं।
रवीश कुमार ने लोगों से पूछा कि आप कब तक धर्म के नाम पर, इस तरह के अधर्म के साथ खड़े रहेंगे? ये लोग विचारधारा के नाम पर अलग पत्रकारिता नहीं करते हैं बल्कि पत्रकारिता के नाम पर बाहुबली का काम करते हैं। इनके काम में विचारधारा का फ़र्क़ नहीं है। ये कोई अलग वेरायटी नहीं हैं बल्कि सत्ता स्वामियों के ये गुर्गे हैं। जिनका काम जनता को पाकिस्तानी बताना, किसानों को आतंकवादी बताना और विपक्ष की हत्या करना है।
रवीश कुमार का ये पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट पर यूजर्स सकी मिली जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
