केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपनी पार्टी को मजबूत दिशा की ओर ले जाने के लिए जनता के बीच दिखाई दे रही हैं। अपनी चुनावी रणनीति के विषय पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए अनुप्रिया पटेल ने कहा था कि ये जाति जनगणना करने का समय है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया था कि बीजेपी के कुछ नेता भी इस बात पर राजी हैं।

उनसे पूछा गया था कि एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी आप पर आरोप लगाते हैं कि बीजेपी ने अपनी वोट बैंक की राजनीति को साधने के लिए आपको केंद्रीय राज्यमंत्री का पद दिया है? इस सवाल पर अनुप्रिया ने कहा था, ‘ मुझे यह सुनकर अच्छा लगा कि ओवैसी जी मुझसे इतने करते हैं। इसके साथ मुझे यह भी समझ आ रहा है कि वह मुझे बेहद छोटे से दायरे में रखकर देख रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें अपना दल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।’

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने बताया था कि अपना दल का एक लंबा संघर्ष का इतिहास है। मेरे दिवंगत पिता सोनेलाल पटेल ने 1995 में इस पार्टी की स्थापना की थी। उन्होंने सोशल जस्टिस के मामले में अनवरत संघर्ष किया है। यह असदुद्दीन ओवैसी की पसंद है कि वह अपना दल और अनुप्रिया पटेल को कितने सीमित दायरे में रखकर देखना चाहते हैं।

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इसके साथ उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी दबाव की राजनीति नहीं करती है और अगर करती भी है तो वह केवल अपनी सामाजिक न्याय के एजेंडे पर करती है। उसके लिए हम पीछे नहीं हटते हैं। अनुप्रिया ने बताया था कि मैंने 69000 शिक्षक भर्ती मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा है कि हमारे जो छात्र पीट रहे हैं, उनको न्याय दिलाएं। आपको यह काम करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा था कि हमारी पार्टी अलग मिजाज की है। हम मंत्री पद की लालसा में काम नहीं करते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से ही अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल एनडीए के गठबंधन में शामिल है। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर अनुप्रिया पटेल की ओर से कहा गया है कि हमारी बीजेपी के साथ बातचीत चल रही है।