नेशनल हेराल्ड केस में आज तीसरे दिन प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ की। सोनिया गांधी से हो रही पूछताछ का कांग्रेस नेताओं ने विरोध किया है। संसद भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे कई कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया। इसी विषय पर हो रही एक टीवी डिबेट के दौरान एंकर नाविका कुमार ने कांग्रेस प्रवक्ता अजय वर्मा से कई सवाल दागे।
एंकर ने पूछा ऐसा सवाल
समाचार चैनल ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के कार्यक्रम ‘सवाल पब्लिक का’ में हो रही डिबेट के दौरान एंकर ने कांग्रेस नेता से पूछा, ‘आप जनता के मुद्दे उसी दिन क्यों उठाते हैं, जिस दिन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ की जाती है। क्या बाकी समय जनता के कोई मुद्दे नहीं होते हैं?’ कांग्रेस नेता ने इसके जवाब में कहा कि यह दोनों चीजें एक दिन ही पड़ गई, बाकी हम लोग हमेशा से ही जनता का मुद्दा उठाते आ रहे हैं।
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कसा तंज
डिबेट में मौजूद बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस नेता पर तंज कसते हुए कहा, ‘ भारत की जनता जानती है कि एक परिवार को लगता था कि इस देश के सभी लोग उनके अधीन हैं, आज रानी साहिबा से पूछताछ हो रही थी तो बहुत घबरा रहीं थीं।’ उन्होंने गांधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में कोई ऐसा परिवार नहीं मिलेगा, जिसके घर के तीन लोग भ्रष्टाचार के आरोप में बेल पर हों।’
बीजेपी प्रवक्ता बोले – कांग्रेस को खोल लेना चाहिए कोचिंग सेंटर
गौरव भाटिया ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कांग्रेस को एक कोचिंग सेंटर खोल लेना चाहिए। जिसमें उनके द्वारा पढ़ाया जाए कि ईडी के सवालों का किस तरह से जवाब दिया जा सकता है। राहुल गांधी पर कटाक्ष कर उन्होंने कहा कि जब संसद चल रहा है तो वह सड़क पर बैठे हैं, जब सड़क पर बैठने का टाइम होता है तो वह विदेश चले जाते हैं। इनका पूरा सिस्टम ही उल्टा है।
कांग्रेस सांसदों ने संसद से विजय चौक तक की मार्च
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से ईडी दफ्तर में पूछताछ चल रही थी। वहीं, कांग्रेस सांसदों ने इसके विरोध में संसद से विजय चौक तक मार्च निकाल कर इस पूछताछ के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का विरोध सत्याग्रह नहीं बल्कि छिपाने के लिए किया जा रहा है। ये सभी एक परिवार की रक्षा के लिए विरोध कर रहे हैं। इन्हें जांच एजेंसियों को जवाब देना चाहिए लेकिन उन्हें लगता है कि वे कानून के ऊपर हैं।