राजस्थान कांग्रेस का सियासी संकट रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी विषय पर एक टीवी चैनल से बात कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने अपने ही साथी मंत्री पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि 80 साल के हो गए हैं, इनकी बुद्धि खराब हो गई है। राजेंद्र गुढ़ा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिस पर यूजर मजे लेते हुए कमेंट कर रहे हैं।
राजेंद्र गुढ़ा ने कही ऐसी बात
आज तक न्यूज़ चैनल पर इंटरव्यू दे रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने शांति धारीवाल पर चुटकी लेते हुए कहा कि, ‘यह बावले थे, विधायक और मंत्री बावले हो गए। इस डोकरे ने सारा काम खराब कर दिया। 80 साल के हो गए हैं, बुद्धि खराब हो गई धारीवाल की। उनके दिमाग का एलाइनमेंट बिगड़ गया है।’ जानकारी के लिए बता दें कि राजेंद्र गुड़ा गहलोत सरकार में सैनिक कल्याण विभाग और गिरी रक्षा मंत्री हैं, वहीं शांति धारीवाल संसदीय कार्य मंत्री हैं।
वीडियो वायरल
राजेंद्र गुढ़ा के इंटरव्यू का यह वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद लोग कई तरह की प्रतिक्रिया देते हुए चुटकी ले रहे हैं। आयुषी नेगी नाम की एक टि्वटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, ‘गुढ़ा साहब आप कमाल के हैं।’ दीपक नाम के एक यूजर ने हंसने वाली इमोजी के साथ लिखा – एक ही दिल है कितनी बार जीतोगे गुढ़ा जी, धारीवाल जी के पीछे तो हाथ धो कर पड़ गए हो। चंदा नाम की एक यूजर ने कमेंट किया कि राजस्थान की राजनीति की एक झलक।
हंसराज मीणा नाम के यूजर ने लिखा कि जैसी राजनीतिक परिस्थितियां राजस्थान में बन रही है, उन्हें देख कर तो लगता है कि ये खुला निमंत्रण है अमित शाह जी के लिए। पधारो म्हारो देश। सुनीता नाम की एक यूजर ने कमेंट किया – इनकी भाषा का स्तर तो देखिए, ये हमारे मंत्री जी हैं। अनुभव शुक्ला नाम के ट्विटर यूजर द्वारा कमेंट किया गया कि सरकार गिरती है तो गिरने दीजिए। सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर 2023 इलेक्शन की तैयारी कर लीजिए।
शांति धारीवाल ने सियासी हलचल पर दिया है ऐसा बयान
राजस्थान के सियासी ड्रामे पर मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि गद्दारी करने वालों को पुरस्कार दिया जाए, ऐसा यहां की विधायक कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बिना नाम लिए कांग्रेस महासचिव अजय माकन पर निशाना साधते हुए कहा कि अशोक गहलोत को सीएम पद से हटाने की साजिश हुई है। सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘पायलट ने सरकार के खिलाफ बयानबाजी की, पायलट ने गहलोत सरकार गिराने की कोशिश की।’