कश्मीर के मुद्दे पर हो रही टीवी डिबेट के बीच कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे से एंकर अमिश देवगन उलझ गए। उन्होंने कांग्रेस प्रवक्ता का ऑडियो डाउन कराते हुए कहा कि कुछ लोग इस देश का खाकर इसी देश के खिलाफ काम करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस देश में कट्टर इस्लामिक सोच को बढ़ाने वाले नेता हैं।
न्यूज़ 18 इंडिया के शो ‘आर – पार’ में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कश्मीर और बांग्लादेश में जो भी हिंदुओं के खिलाफ घटना हो रही है उसको लेकर नरेंद्र मोदी सरकार चुप क्यों है? आप पीएम मोदी को कवर फायर दे रहे हैं। एंकर ने इस बात पर चिल्लाते हुए कहा कि मैं कवर फायर नहीं दे रहा हूं। इस तरह के काम वह नेता करते हैं जो अनुच्छेद 370 हटने पर कहते हैं, कश्मीर में कत्लेआम हो रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, आप जैसे लोग जब तक मोदी सरकार को बचाने के लिए काम करते रहेंगे तब तक देश को नुकसान होगा। अपनी बात को आगे रखते हुए एंकर ने कहा, ‘ इस देश में रहकर इस देश के खिलाफ काम करने वाले लोगों को पहचानना बहुत जरूरी हो गया है। मैं यहां पर किसी का नाम नहीं ले रहा हूं।’
एंकर के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि बांग्लादेश में मंदिर तोड़े गए, उसको लेकर मोदी जी से आपने सवाल पूछा? इस मुद्दे को लेकर एंकर और कांग्रेस प्रवक्ता में तीखी बहस होने लगी। इस ट्वीट पर तमाम यूज़र ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। शाकिब (@beingSaqib123) ने लिखा- पहले कश्मीर की दुर्दशा के लिए वहां के नेता, वहां की सरकार और वहां की राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार थी। अब सब कुछ एक पार्टी, एक सरकार के हाथ में है। सब कुछ पीएम नरेंद्र मोदी के हाथ में होते हुए भी यह किसी को पता नहीं है कि इस दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है।
डॉ भरत के टि्वटर अकाउंट से लिखा गया कि भारत कुपोषण का शिकार हो गया है। लेकिन टीवी चैनल पर इसको लेकर नहीं बल्कि अर्बन नक्सल को लेकर डिबेट की जा रही है। रिजवान रियाज (@RizwanRiyaz11) लिखते हैं, कुछ लोग इस देश का खाकर राजनीतिक पार्टियों की गुलामी करते हैं। जनता के मुद्दे छोड़कर प्रोपेगेंडा फैलाने में विश्वास रखते हैं।
गौरतलब है कि कश्मीर में आतंकवादी आम नागरिकों को अपना निशाना बना रहे हैं। वहां पर 1 महीने के भीतर 11 नागरिकों की हत्या हो चुकी है। सुरक्षा बल भी लगातार मुठभेड़ में आतंकियों को मार रहे हैं। कश्मीर की मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र विरोधी कहने लगे हैं कि नब्बे के दशक वाला दौर लौटने लगा है। उधर, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी मौजूदा प्रशासन पर कटाक्ष किया और कहा कि मेरे राज्यपाल रहते श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में आतंकियों की घुसने की हिम्मत नहीं होती थी।