नोटबंदी को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court on Demonetisation) ने बड़ा फैसला सुनाया है। पांच जजों की संविधान पीठ ने 2 जनवरी को कहा कि इसकी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। यह फैसला केंद्र और आरबीआई (RBI) के बीच परामर्श करने के बाद ही लिया गया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagarathna) ने इस फैसले को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि यह फैसला अध्यादेश के बजाय कानून के जरिए ले आना चाहिए था। इस पर अब एंकर सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) और अमन चोपड़ा (Aman Chopra) ने ट्वीट कर विपक्ष पर तंज कसा है।
न्यूज एंकर ने किया ये ट्वीट
एंकर सुशांत सिन्हा (Sushant Sinha) ने ट्वीट किया, “विपक्ष की नए साल की बोहनी ही खराब हो गई, नरेन्द्र मोदी सरकार को एक और क्लीन चिट।” वहीं एंकर अमन चोपड़ा (Aman Chopra) ने भी ट्वीट किया था, उन्होंने लिखा कि सप्रीम कोर्ट ने सरकार के नोटबंदी के फ़ैसले को सही ठहराया। सभी याचिकाएँ ख़ारिज। सोशल मीडिया पर लोग इस ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।
लोगों की प्रतिक्रियाएं
@amzadbbs यूजर ने लिखा किमीडिया का असली एंकर विपक्ष की आवाज होता है और सरकार की निंदा करता है। @Hajindersingh2 यूजर ने लिखा कि आजकल मोदी के हक में फैसला आने तक भाजपा के प्रवक्ता नहीं टीवी एंकर खुश होते हैं। मोदी के साथ यह रिश्ता क्या कहलाता है? @drShobhit_ortho यूजर ने लिखा कि पत्रकार की प्रतिक्रिया हमेशा निष्पक्ष रहनी चाहिए, अगर आप तटस्थ रहेंगे तो पत्रिकारिता की गरिमा बनी रहेगी। किसी एक पार्टी की तारीफ करना कहां तक सही है?
@Kosimirrorbihar यूजर ने लिखा कि नोटबंदी केवल विपक्ष का मुद्दा नहीं है। आपको इतनी तो समझ होनी चाहिए। नोट बंदी असफल हुआ इसपर कई आंकड़े आ चुके हैं। खुद सरकार के आंकड़े भी इसके गवाह हैं। @Razzakkhan153 यूजर ने लिखा कि पूरा का पूरा सिस्टम तो आपके और उनके हाथों में है, जिसे चाहे क्लीन चिट दे दो जिसे चाहे गुनहगार बता दो। एक यूजर ने लिखा कि दिन भर सरकार के लिए प्रचार ही करते रहेंगे या कभी जनता की पत्रकारिता भी करेंगे?
बता दें कि पीएम मोदी नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे अचानक से नोटबंदी की जानकारी दी थी। पीएम ने 500 और 1000 नोट को बंद कर देने का ऐलान किया था। जिसका विपक्ष ने विरोध किया था। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर (Justice S Abdul Nazeer) की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने याचिकाकर्ताओं, केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की विस्तृत दलीलें सुनने के बाद 7 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।