समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच चुनाव बीतते ही खटपट की खबरें आने लगी हैं। शिवपाल का दावा है कि सपा के नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में उन्हें बुलाया तक नहीं गया। जबकि अन्य सभी विधायकों को पूर्व सूचना दी गई थी। इस बीच शिवपाल का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वे रामायण और महाभारत के चरित्रों का जिक्र करते हैं, जिसमें उनका दर्द भी दिखाई देता है।
‘हनुमान न होते तो नहीं बचती लक्ष्मण की जान’: इटावा में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे शिवपाल यादव ने रामायण का जिक्र करते हुए कहा, ‘हनुमान जी ने लंका पर चढ़ाई की…लक्ष्मण को तीर लगा, घायल हो गए और जान बचनी मुश्किल हो गई…संजीवनी बूटी पहाड़ पर भी, उसे कौन ला सकता था? हनुमान जी जैसे भक्त ही ला सकते थे..बूटी नहीं पहचान पाए तो पूरा का पूरा पहाड़ ही उठा लाए, तब जाकर लक्ष्मण जी की जान बची।
‘अपने-पराये का अंतर भूलने पर होती है महाभारत’: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने कहा कि सभी को हनुमान जी की भूमिका सदैव याद रखनी चाहिए क्योंकि उन्हीं की वजह से प्रभु श्रीराम युद्ध जीत सके थे। उन्होंने महाभारत का भी जिक्र किया और कहा कि जब अपने और पराये में भेद नहीं पता होता है, तब महाभारत होती है। चाहे धर्म हो या राजनीति, दोनों जगह यही बात लागू है।
शिवपाल के इस बयान से साफ नजर आया कि उनका इशारा किसकी तरफ था और वो राम कथा और भक्त हनुमान की महिमा का जिक्र करते हुए क्या कहना चाह रहे थे। आपको बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव से पूर्व अखिलेश और शिवपाल के करीब आने की खबरें सामने आई थीं। शिवपाल सपा के ही चुनाव चिन्ह पर चुनावी मैदान में उतरे और जीते भी।
चुनाव नतीजों के बाद सियासी गलियारों में कहा जाने लगा कि सपा भले ही सत्ता में न आई हो, लेकिन मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और इसमें शिवपाल का अहम रोल होगा। अखिलेश उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देंगे, लेकिन शिवपाल यादव को सपा विधायकों की बैठक में ही नहीं बुलाया गया।