सीएम योगी के अब्बा जान के वक्तव्य पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि पहले यह लोग खुद को मौलाना मुलायम कहलाने में गर्व महसूस करते थे, लेकिन अब इन लोगों को अब्बा जान पर चिढ़ हो रही है। उनका कहना था कि सपा हिंदुओं की विरोधी पार्टी रही है। सपा के शासन में हिंदुओं को दबाने के लिए हर तरह की कोशिशें हुई। तब मुसलमान पूरी तरह से हावी थे।
टाइम्स नाऊ पर टीवी डिबेट में गौरव ने कहा कि सपा ने हमेशा हिंदुओं को दोयम दर्जे का नागरिक समझा है लेकिन अब वो दिन लद गए। हिंदू समझ चुका है कि उनका हित कहां है। उन्होंने अखिलेश यादव पर तीखा निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी पकड़ खो चुके हैं। चुनाव में ओवैसी की पार्टी उनसे कहीं ज्यादा मजबूत है। मुसलमान ओवैसी की तरफ हैं। भाटिया ने कहा कि यूपी में योगी आदित्यनाथ लोकप्रिय हैं। वह फिर से जीतकर अपनी सरकार बनाने जा रहे हैं।
सपा प्रवक्ता घनश्याम तिवारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए उनकी पार्टी के दरवाजे सभी छोटे दलों के लिए खुले हैं। वह कोशिश करेंगे ऐसे सभी दल बीजेपी को हराने के लिए एक साथ आएं। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कई छोटी पार्टियां पहले से ही हमारे साथ हैं और भी कई आएंगी। उन्होंने कहा कि बसपा और कांग्रेस को तय करना चाहिए कि उनकी लड़ाई बीजेपी से है या सपा से।
The time when #SamajwadiParty discriminated against Hindus & treated them like 2nd rate citizen is over now. CM #YogiAdityanath ensures empowerment, development for every citizen: @gauravbh, National Spokesperson, BJP, tells Navika Kumar on @thenewshour. | #YogiAbbaJaanBarb pic.twitter.com/QGIm4AW2Xe
— TIMES NOW (@TimesNow) September 13, 2021
डिबेट में इस दौरान प्ले कार्ड के जरिए एक दूसरे को नीचा दिखाने की भी कोशिश की गई। तिवारी जहां बीजेपी प्रवक्ता से उनके घोषणा पत्र के वादे बताने को कह रहे थे वहीं भाटिया के हाथ में भी प्ले कार्ड था। वह लगातार सपा सुप्रीमो पर तंज कसते हुए योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने में जुटे थे। डिबेट के दौरान बीजेपी-सपा प्रवक्ता की तीखी बहस हुई। एंकर नविका कुमार को दोनों को शांत करने के लिए दखल देना पड़ा।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर और संत कबीर नगर जिलों में समाजवादी पार्टी का बिना नाम लिए तीखा प्रहार करते हुए कहा कि ‘अब्बा जान कहने वाले गरीबों की नौकरी पर डाका डालते थे। पूरा परिवार झोला लेकर वसूली के लिए निकल पड़ता था। अब्बा जान कहने वाले राशन हजम कर जाते थे। राशन नेपाल और बांग्लादेश पहुंच जाता था। आज जो गरीबों का राशन निगलेगा, वह जेल चला जाएगा।’