पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी करने के मामले में भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें देश के सामने टीवी पर आकर माफी मांगनी चाहिए। कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी के बाद से ही विपक्षी दल नूपुर शर्मा और भारतीय जनता पार्टी पर हमलावर हैं। इसी बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भी तंज कसा।
अखिलेश यादव का ट्वीट : सपा प्रमुख ने कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी पर लिखा कि सिर्फ मुख को नहीं शरीर को भी माफी मांगनी चाहिए और देश में अशांति और सौहार्द बिगाड़ने की सजा भी मिलनी चाहिए। अखिलेश यादव द्वारा किए गए इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स कई तरह के रिएक्शन दे रहे हैं। कुछ लोगों ने उन्हें ट्रोल किया है तो वहीं कुछ लोगों ने उनकी बात पर सहमति जताई है।
यूजर्स के रिएक्शन : एक सोशल मीडिया हैंडल से कमेंट किया गया की डिबेट में रेहमानी भी शामिल थे। जिन्होंने शिवलिंग का अपमान किया था और नूपुर शर्मा को ऐसा सवाल पूछने पर मजबूर किया। उन पर क्यों कुछ नहीं कहा गया। रमाकांत राय नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘ आप उनके लिए बोल रहे हो जो आजमगढ़ और रामपुर में आपको वोट नहीं दिए।’ महेंद्र यादव ने सपा प्रमुख की बात पर सहमति जताते हुए कहा कि जब औरों के घर पर बुलडोजर चल सकता है तो नूपुर शर्मा के घर पर क्यों नहीं।
पूनम मिश्रा नाम की एक यूजर सवाल करती हैं कि पहली लाइन का मतलब तो समझा देते पूर्व मुख्यमंत्री जी। त्रिलोक नाम के एक यूजर ने लिखा – जिन हिंदुओं की मौत हुई है उसका जिम्मेदार कौन है? अभिषेक सिंह नाम के एक यूजर ने हाल में ही राजस्थान के उदयपुर में हुई घटना का जिक्र करते हुए पूछा कि इस पर भी कुछ कहना चाहेंगे या चुप्पी साधे रहेंगे? ज्योतिषना नाम की एक यूजर ने लिखा – कैसे आदमी हो तुम। सत्ता के लिए कुछ भी करने को तैयार हो, खैर तुम्हें वोट कौन देगा अब?
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा पर की यह टिप्पणी : सुप्रीम कोर्ट ने निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को उनके खिलाफ दर्ज सभी FIR को दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए राहत देने से मना कर दिया। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर भी फटकार लगाते हुए कहा कि एक शिकायत पर व्यक्ति को गिरफ्तार किया लिया जाता है लेकिन इतनी FIR के बावजूद भी नूपुर शर्मा पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
