समाजवादी पार्टी के मुखिया का उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अमेठी के रहने वाले आरिफ से सारस को दूर किए जाने पर यूपी सरकार पर निशाना साधा है। दरअसल, पिछले साल घायल अवस्था में मिले सारस की आरिफ ने देखभाल की थी। अब वन विभाग उसे अपने पास ले गया तो कांग्रेस और सपा नेताओं ने सरकार पर सवाल उठा दिए।

अखिलेश यादव ने उठाये सवाल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट जरिये सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,’वन विभाग की टीम उप्र के राजकीय पक्षी सारस को तो स्वतंत्र करने के नाम पर उसकी सेवा करनेवाले से दूर ले गयी, देखना ये है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर को दाना खिलानेवालों से स्वतंत्र करने के लिए क्या कार्रवाई की जाती है।’ उन्होंने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आरिफ से सारस इसलिए छीन लिया गया, क्योंकि मैं इनसे बधाई देने पहुंच गया। इसके साथ उन्होंने कहा कि क्या यही लोकतंत्र है?

उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर सरकार सारस छीन रही है तो सरकार को उनसे मोर छीन लेना चाहिए, जो मोर को दाना खिला रहे थे। सरकार की वहां पहुंचने की हिम्मत है, क्या किसी अधिकारी की हिम्मत है कि वो वहां जाए और मोर वहां से ले आये। अखिलेश ने सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा,’आरिफ सारस को खुले में रखे थे लेकिन सरकार के लोग उसे कैद करके रखे हुए हैं। सरकार बताए कि उस सारस को कहां कैद करके रखा हुआ है। ये जब पक्षी को नहीं छोड़ रहे तो हमें-तुम्हें भी नहीं छोड़ेंगे, जेल में डाल देंगे हम सबको।’

कांग्रेस ने बोला हमला

यूपी कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कमेंट किया गया कि अमेठी में आरिफ नाम का एक व्यक्ति पिछले 1 साल से सारस पक्षी पाल रहा था। साल भर पहले इसने उस पक्षी की जान बचाई थी। कल वन विभाग वाले उस सारस को उठा ले गए। क्योंकि उसे पालने वाला व्यक्ति मुसलमान था। क्या अब किसी पशु-पक्षी को पालने के लिए भी हिन्दू-मुस्लिम का खांका तैयार किया जाएगा?

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि अमेठी के आरिफ़ और सारस की दोस्ती को सरकार की नज़र लग ही गई,साल भर पहले आरिफ़ ने सारस की जान बचाई थी तो दोस्त की तरह साथ रहने लगा था सारस,कल सरकारी टीम ने सारस को आरिफ़ से अलग कर दिया। सरकार से आग्रह है कि सारस को उसके दोस्त से अलग न किया जाये।

अरुन राजभर ने भी की ये मांग

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता अरुन राजभर ने ट्वीट किया कि सारस जब घायल था तो वन विभाग की टीम कहा थी,आरिफ ने ही उसका इलाज कराया, उसका ख्याल रखा था। इंसान और पक्षी की दोस्ती को तोड़ना सही नही है। इन दोनों की दोस्ती एक मिसाल है। वन विभाग से निवेदन है कि वे आरिफ और सारस को अलग न करें।