उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति बनाने में लगी हुई हैं। वहीं दूसरी तरफ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। सपा प्रमुख व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव यूपी सरकार को घेरते नजर आ रहे हैं। कभी वह अपने संबोधन के जरिए योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो कभी ट्विटर के माध्यम से बीजेपी के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि गंगा मइय्या, गड्ढा, गइय्या, इनको भी छल गये ठगइय्या । साथ ही सवाल पूछा कि पैसा किसकी जेब के गड्ढे में गया।

सपा प्रमुख ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सड़क सड़क की बदहाली और कूड़े के बीच खड़े जानवरों की तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि गंगा मइय्या, गड्ढा, गइय्या, इनको भी छल गये ठगइय्या उप्र की जनता भाजपा से पूछ रही है कि हमारी गाढ़ी कमाई से वसूले टैक्स से जो हज़ारों करोड़ गंगा जी के नाम पर खर्च किया वो कहाँ बह गया। गड्ढों का बजट किसके जेब के गड्ढे में गया और गौवंश के पैसे की जुगाली किसने की?

अखिलेश यादव के इस ट्वीट पर कुछ लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। एक टि्वटर हैंडल से कमेंट किया गया है कि अखिलेश यादव गंगा मैया की तुलना एक नाले से करने पर आपको शर्म आनी चाहिए। आप इस जन्म में क्या अगले सात जन्मों तक यूपी के सीएम नहीं बन पाएंगे।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि भाजपा शासनकाल में विकाश के नाम पर यूपी के लोगो के साथ सिर्फ और सिर्फ जुमला ही किया जा रहा है। गाय माता सड़कों पर वेहाल है। महराज शमशान और कब्रिस्तान की राजनीति करते हो तो कम से कम रास्ता तो ठीक करो। @tejas98596815 टि्वटर अकाउंट से लिखा गया कि गंगा मैया की स्वच्छता पर खर्च हो रहे पैसों से आपको बहुत तकलीफ है। काश आप गंगा मैया की पवित्रता के बारे में जानकारी रखते, थोड़ा तो शर्म करिए भैया। गंगा नदी नहीं, हमारी मां हैं।

जानकारी के लिए बता दें कि अखिलेश यादव ने रविवार को भी सड़क और स्टेशन पर टहलते हुए जानवरों की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था कि जिस प्रकार की शान और ग्रामीण जनता आवारा पशुओं की समस्या से बुरी तरह त्रस्त हैं। उससे तो यही लगता है कि उत्तर प्रदेश का अगला चुनाव स्वयंभू – तथाकथित ‘ दमदार’ बनाम ‘ दुमदार’ की समस्या पर होगा।