समाजवादी पार्टी के नेता और MLC स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर दिए गए बयान पर विवाद थमा भी नहीं कि सपा के एक और नेता ने रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर दी। सपा के पूर्व विधायक ब्रजेश प्रजापति (Brajesh Prajapati) ने स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करते हुए कहा कि रामचरितमानस की जिन पंक्तियों को लेकर आपत्ति है, उसे हटा देना चाहिए या रामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए। सपा नेता के बयान पर सोशल मीडिया यूज़र्स सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कई तरह के सवाल कर रहे हैं।

सपा नेता ने दिया ऐसा बयान

सपा नेता ब्रजेश प्रजापति ने कहा,”रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों से आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज और महिलाओं को ठेस पहुंचती है। रामचरितमानस की जिन पंक्तियों को लेकर आपत्ति है, उसे हटा देना चाहिए या रामचरितमानस को बैन कर देना चाहिए।” ब्रजेश प्रजापति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोग कई तरह के सवाल उठाने लगे।

यूज़र्स ने किये ऐसे कमेंट्स

@Sudhir_mish नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा,”एक और बड़े सपा नेता बोले रामचरित मानस बैन” होना चाहिये। अखिलेश जी आप चुप रहकर, हिन्दुओं की भावनाओ को क्यों आहत करा रहे हैं? सपा नेता जब योगी सरकार के कार्यों में कमी नहीं निकाल पा रहे, तो हिन्दुओं की भावनाएं आहत करने लगे।” @karedeen नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- जिनकी बुद्धि में कुछ पंक्तियां आपत्तिजनक लगती हैं, वे अपने रामचरितमानस की पुस्तक में उसे ढ़क दें, न पढ़े, चाहे तो एकदम न पढ़े। @himanshukshatr4 नाम के एक यूजर ने लिखा,”सब जातिवाद की जहरीली खेती के लिए किया जा रहा है। जिसपर अखिलेश का पूरा मौन समर्थन है ताकि अगड़े पिछड़े के नाम पर हिन्दुओ को बांटा जा सके।”

@singerdeepakjh4 नाम के एक यूजर ने लिखा- ऐसे नेताओं को हमेशा के लिए बैन कर देना चाहिए ताकि इस तरह की बयान बाज़ी से डरे। अखिलेश जी, अगर आप अपना राजनीति करियर बचाना चाहते हैं तो ऐसे नेताओं को पार्टी से बर्खास्त करें। @TiwariSabita1 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,”इनकी करनी कही सपा को ही बैन न करवा दे, अब तो निश्चित है,गई भैंस पानी में।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया था ऐसा बयान

स्वामी प्रसाद मौर्य ने तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस को बैन करने की मांग लगाते हुए कहा कि रामचरितमानस के आपत्तिजनक हिस्सों जिनसे जाति वर्ग और वर्ण के आधार पर समाज के एक हिस्से का अपमान होता है, उन्हें प्रतिबंधित कर दिया जाना चाहिए। स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर राजनीतिक पारा हाई है। केशव प्रसाद मौर्य ने सपा नेता के बयान पर निशाना साधते हुए कहा,”नए नवेले नेता जो कई घाटों का पानी पी चुके हैं, उनसे रामचरितमानस पर बयान दिलवाए जा रहे हैं। अखिलेश यादव की चुप्पी क्यों? अखिलेश यादव ने इसका विरोध क्यों नहीं किया?”