समाजवादी पार्टी के नेता सवामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya, SP) ने रामचरितमानस (RamcharitManas) को लेकर विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि रामचरितमानस में सब बकवास है। क्या यही धर्म है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो। रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है। इतना ही नहीं स्वामी प्रसाद मौर्या का कहना है कि कई करोड़ लोग रामचरितमानस को नहीं पढ़ते, सब बकवास है। यह तुलसीदास (Tulsidas) ने अपनी खुशी के लिए लिखा है।
स्वामी चक्रपाणि ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर किया पलटवार
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर विवाद बढ़ गया है, लोग उन पर पलटवार कर रहे हैं। स्वामी चक्रपाणि (Swami Chakrapani) ने कहा कि इस तरह के बयान राजनीति के गिरते स्तर को दिखाता है। कुछ नेता चाहे वो बिहार के चंद्रशेखर हों या फिर यूपी के स्वामी प्रसाद मौर्य हों, केंद्र सरकार और भाजपा (BJP) से लड़ते-लड़ते कभी राष्ट्र से लड़ने लगते हैं तो कभी हिंदू सनातन धर्म से लड़ने लगते हैं और अब तो रामचरितमानस से लड़ने लगे हैं जो मानवता का पाठ पढ़ाती है।
‘अपना इलाज करवाएं स्वामी प्रसाद मौर्य’-स्वामी चक्रपाणि
स्वामी प्रसाद मौर्य पर चक्रपाणि ने कहा कि उनके दिमाग को करेक्ट करने की जरूरत है। वो अपना इलाज करवाएं। उन्होंने कहा कि रामचरितमाणनस पर प्रतिबंध तो नहीं लगाया जा सकता लेकिन मौर्य के राजनीति पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मैं सरकार और सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) से मांग करता हूं कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बोलने पर प्रतिबंध लगाया जाए। स्वामी चक्रपाणि ने कहा कि मैं तो स्वामी प्रसाद मौर्य को ही आपत्तिजनक मानता हूं।
अपर्णा यादव ने कही ये बात
वहीं बीजेपी नेता अपर्णा यादव (Aparna Yadav BJP) का कहना है कि रामचरितमानस को लेकर ऐसी सोच रखना बहुत ही निकृष्ट मानसिकता है। उनका बयान ही उनका चरित्र दिखा रहा है, जो इस तरह का बयान दे रहे हैं। उन्होंने तो रामचरितमानस को ठीक से पढ़ा ही नहीं है। हमने भगवान को देखा नहीं है लेकिन उनके चरित्र के बारे में सुना है… हर कोई उनकी तारीफ करता है। राम का नाम लेने से शांति मिलती है।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बयान में यह भी कहा था कि स्त्रियों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजों की हुकूमत में मिला, लेकिन दलितों को पढ़ने-लिखने का अधिकार अंग्रेजों के राज में मिला। धर्म के नाम पर विशेष जाति का अपमान किया गया। रामचरितमानस को पूरी तरह बैन कर देना चाहिए। रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है।