AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी को MP-MLA कोर्ट ने निर्मल और निजामाबाद जिले से जुड़े दो मामलों में बरी कर दिया है। पहले MP-MLA कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई थी, लेकिन मामले पर बुधवार तक टाल दिया गया था। बुद्धवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अकबरुद्दीन ओवैसी को बरी कर दिया।

ट्विटर पर छोटे भाई अकबरुद्दीन के बरी होने की खबर को शेयर करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा कि “अल्हम्दुलिल्लाह, अकबरुद्दीन ओवैसी को MP-MLA विशेष अदालत ने उनके खिलाफ कथित भड़काऊ भाषणों के लिए दो आपराधिक मामलों में बरी कर दिया है। उनके लिए  प्रार्थना और समर्थन के लिए आप सभी का आभारी हूं। वकील अब्दुल अजीम एसबी और वरिष्ठ वकीलों को विशेष रूप से धन्यवाद, जिन्होंने अपनी सहायता दी।”

सोशल मीडिया पर अब लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। तनवीर खान नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आपकी और भाजपा की मिलीभगत की गहरी साजिश है देश के ताने-बाने को तोड़ना का, देश का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि जिसने खुलेआम हेट स्पीच दी आज वो बरी हो गया और बेगुनाहों के घर गिराए जा रहे हैं बैरिस्टर साहब।’ प्रखर नाम के यूजर ने लिखा कि ‘खुदा की अदालत में कैसे बचोगे ओवैसी साहब?’

महिपाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘आप तो कोर्ट का फैसला मानते नहीं! आपने तो सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के फैसला को भी गलत कहा था, फिर इस फैसले पर इतना ढिंढोरा क्यों?’ सत्येंद्र सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कोर्ट कुछ भी करे लेकिन हेट स्पीच तो दिया है, यह सब जानते हैं। हम भी तुम्हारे तरह ही इस निर्णय को सही नहीं मानते हैं।’

ट्रिपल एस नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जैसे सलमान खान ने हिरन को नहीं मारा था, उसी प्रकार ‘हम 25, तुम 100 करोड़, 15 मिनट के लिए पुलिस हटा लो….’ हेट स्पीच नहीं है।’ मनीष तिवारी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कयामत के दिन तो जबाब देना पड़ेगा। उस दिन ये जज नहीं आएंगे फैसला देने। तब वो भी किसी लाइन में खड़े होकर माफी मांग रहे होंगे।’

निर्मल सिंह नाम के यूजर ने लिखा कि ‘क्या उस पर लगा आरोप गलत था? उम्मीद है ईमानदारी से जवाब देंगे।’ नवीन नाम के यूजर ने लिखा कि ‘कानून अपना काम करता है। नौ साल लगे, न्याय में देरी हुई लेकिन न्याय मिला। प्रत्येक फैसले में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी निर्दोष को दोषी न ठहराया जाए – चाहे कोई भी दबाव हो।’