कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने भारत में विकराल रूप अख्तियार किया हुआ है। रोजाना करीब 4 लाख लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं तो वहीं रोज हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है। बड़ी संख्या में ऐसे मामले भी सामने आए जिसमें कोरोना संक्रमित मरीज को समय पर अस्पताल या फिर ऑक्सीजन अपलब्ध नहीं हुआ जिससे उसकी जान चली गई। दवाइयों के अभाव में भी कई मरीजों की जिंदगी चली गई।
तमाम विपक्षी दलों ने कोरोना काल में केंद्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया के जरिए आम इंसान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहा है। लोग सवाल पूछ रहे हैं कि जरूरी व्यवस्था के अभाव में आखिर इतने लोगों की जान जा रही है तो सरकार कोई कदम क्यों नहीं उठाती। इसी कड़ी में हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि जिस आदमी को कुत्ते के बच्चे की मौत पर भी दुख होता था, आज उन्हें इतनी बड़ी संख्या में इंसानों के मरने का असर क्यों नहीं हो रहा? ओवैसी ने विदेशों से भारत के लिए आई मदद का एयरपोर्ट पर कई दिनों तक पड़े रहने पर भी पीएम पर निशाना साधा।
असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि देश में लोग ऑक्सीजन की कमी से तड़प रहे हैं। इसके बावजूद वैक्सीन और ऑक्सीजन के वितरण में इतनी देरी की जा रही है। विदेशों से आई मदद दिल्ली में ही पड़ी हुई है। कई दिनों तक इसे वितरित किए जाने का इंतजार किया गया। इस मदद में 5500 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर, 3,200 सिलिंडर और रेमडिसिवर के 1.36 लाख इंजेक्शन थे।
बैरिस्टर @asadowaisi ने @narendramodi सरकार को एक्सपोज कर दिया https://t.co/XxjqgYy79K
— AIMIM (@aimim_national) May 5, 2021
असदुद्दीन ओवैसी यहीं नहीं रुके। उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि वह सिर्फ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस ही करते रहते हैं। उन्हें जमीन पर आकर भी हालात को देखना चाहिए। ओवैसी ने ये भी कहा कि विदेशों से जो मदद आ रही है उसपर भी जीएसटी समेत तमाम टैक्स लगाए जा रहे हैं। सरकार को जवाब देना चाहिए कि वो ऐसा क्यों कर रही है।
सोशल मीडिया के माध्यम से असदुद्दीन ओवैसी द्वारा किया गया यह हमला वायरल हो रहा है। तमाम यूजर्स इसपर अपनी मिलीजुली प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग AIMIM चीफ की बातों से सहमति जताते हुए प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं तो वहीं कुछ यूजर्स ऐसे हैं जो इस संकट के समय में विपक्षी दलों को राजनीति करने से बाज आने की सलाह दे रहे हैं।