बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) इन दिनों खूब सुर्ख़ियों में बने हुए हैं। एक तरफ उनके विरोधी उन पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं तो दूसरी तरफ आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी सफाई दी है और एक पत्रकार के बारे में कई जानकारी लोगों के सामने बताई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (Viral Video) हो रहा है। वायरल वीडियो पर तमाम लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

पत्रकार के परिजनों का नाम बताने लगे आचार्य!

Abp न्यूज के पत्रकार ज्ञानेंद्र तिवारी रायपुर में आयोजित आचार्य धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के दरबार में पहुंचे थे, पत्रकार के चाचा का नाम लेकर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने उन्हें बुलाया। भाई और भतीजी का नाम भी बताया। इतना ही नहीं, कागज़ पर पत्रकार के बारे में एक ऐसी जानकारी लिखी, जिसे देखकर पत्रकार भी सन्न रह गए। सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हो रहा है और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।

सोशल मीडिया पर आये ऐसे रिएक्शन

@raksha_s27 यूजर ने लिखा कि बाबा को सब पता है, वो तो ये भी बता सकते हैं कि यूपी में शिक्षक भर्ती कब होगी? @sakshijoshii यूजर ने लिखा कि ‘पत्रकार’ जिस जानकारी को सुनकर बाबा जी की जय करने लगा, वो सब तो खुद उसके ही Facebook प्रोफ़ाइल पर मौजूद थीं। धीरेंद्र शास्त्री ने फ़ेसबुक से टीप ली और सबको मूर्ख बनाने का प्रयास किया। @swati_mishr यूजर ने लिखा कि सरकार कोरोना की वजह से जनगणना का काम नहीं करवा रही। वो इसका ठेका बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री को दे सकती है। इन्हें सबके नाम और घर के बारे में पता है।

@write2divya यूजर ने लिखा कि जिस दिन बागेश्वर धाम वाले महाराज ने बोला कि वह वनवासी इलाकों में जाएंगे दरबार लगाने, उसी दिन तय हो गया था उनपर निजी हमले होंगे। दरअसल यह विरोध धीरेंद्र शास्त्री का नहीं, उस शख्स का हो रहा है जो धर्मांतरण के खिलाफ मुखर है। @askrajeshsahu यूजर ने लिखा कि आज बेरोजगार अभ्यर्थियों ने रेलवे से भर्ती की मांग को लेकर 3 लाख ट्वीट किए। मुझे लगता है कि किसी एक अभ्यर्थी को बाबा बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री जी से पूछ लेना चाहिए कि भर्ती कब आएगी? ताकि रोज-रोज ट्रेंड करवाने का झमेला ही न रहे।

बता दें कि महाराष्ट्र की संस्था अंध श्रद्धा उन्मूलन समिति के श्याम मानव ने धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया है। संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री को अपना चमत्कार दिखाने का चैलेंज किया था। हालांकि आरोप लगाया जा रहा है कि इस चैलेंज के बाद धीरेंद्र शास्त्री नागपुर में आयोजित कथा को 7वें दिन समाप्त कर वापस लौट गए थे, जबकि धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि उनकी कथा ही 7 दिन की थी। धीरेंद्र शास्त्री ने संस्था के लोगों को राजपुर की कथा में बुलाया है।