प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 सितंबर यानी शुक्रवार को शाम 7 बजे इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के साथ कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया। इस लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आने लगीं। एंकर रुबिका लियाकत ने एक ट्वीट किया। जिस पर लोग कई तरह के कमेंट कर रहे हैं।

उद्घाटन के वक्त पीएम मोदी ने कही यह बात

पीएम मोदी ने उद्घाटन के दौरान कहा कि आज के इस अवसर पर मैं अपने उन श्रमिक साथियों का विशेष आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने कर्तव्य पथ को केवल बनाया ही नहीं बल्कि अपने श्रम की पराकाष्ठा से देश को कर्तव्य पथ दिखाया भी है। इसके साथ ही उन्होंने देश के हर नागरिक से आह्वान किया कि इस नवनिर्मित कर्तव्य पथ को आकर देखें। इस निर्माण में उन्हें भारत का भविष्य नजर आएगा।

एंकर रुबिका लियाकत ने की PM मोदी की तारीफ

एंकर रुबिका लियाकत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल जीतना जानते हैं, कर्तव्य पथ पर श्रम करने वाली श्रमजीवीयों को बकायदा उनके परिवार के साथ 26 जनवरी को आमंत्रित किया है… जिन्होंने पथ बनाया वो होंगे पीएम के विशेष अतिथि… जय हो।’ एंकर द्वारा किए गए इस कमेंट पर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स उनकी आलोचना कर रहे हैं तो कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया है।

लोगों के रिएक्शन

रविंद्र त्रिपाठी नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि देशभर में महंगाई लगातार बढ़ रही है, कई जरूरी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। ऐसे में देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले कई परिवार मुश्किल से गुजारा कर पा रहे, ऐसे लोगों की कहानी आप कब सामने लाएंगी? वरुण नाम के टि्वटर हैंडल से लिखा गया, ’26 जनवरी को अतिथि बनने के बाद उनका तेल, गैस, दाल सस्ती होगी क्या? उनके बच्चों को शिक्षा और इलाज मिलने लगेगा क्या? सनी मिश्रा नाम के एक यूजर कमेंट करते हैं कि यह छोटी छोटी बातें प्रधानमंत्री मोदी को अलग बनाती हैं।

विकास मीना नाम के एक यूज़र ने सवाल किया – इससे देश को क्या फायदा होगा, देश तरक्की करेगा? ऐसे काम कर देने से देश में बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की आत्महत्या बंद हो जाएगी? काम तो कुछ नहीं कर सकते बस नाम बदल सकते हैं और आप जैसे लोग ताली बजा सकते हैं। अजहर नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा, ‘कोरोना में जो श्रमिक हजारों नींबू के प्यार से पैदल चले, उनमें से कई ने दुनिया भी छोड़ दी। उनके परिवारों से पूछ कर बताता हूं कि दिल जीता या दिल तोड़ा?