असंसदीय शब्दों की नई सूची पर विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार पर कटाक्ष करते नजर आ रहे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि इन शब्दों के हटाए जाने से कुछ मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाएगी। वहीं आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने असंसदीय शब्दों की पर्यायवाची अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए साझा की है। जिस पर लोग तरह – तरह की टिप्पणी कर रहे हैं।
संजय सिंह ने दिया यह शब्द : आम आदमी पार्टी के नेता ने तानाशाही को मोदीशाही, दादागिरी को मोदीगीरी – शाहगीरी, जुमलाजीवी को जुमला मोदी जीवी, जयचंद को जयचंट, शकुनी को अपशकुनी/ गंधारमामा, खून की खेती को खेती का खून, बहरी सरकार को कानी सरकार, खरीद-फरोख्त को सरकार बनाओ सरकार गिराओ, काला सत्र को दिवाला सत्र, दलाल को दाल लाल, बाल बुद्धि को नन्हबुद्धि, चांडाल चौकड़ी को हम दो हमारे दो, विनाश पुरुष को खंडहर पुरुष, स्नूपगेट को मोदी शाह वाली जासूसी, चिलम लेना को दम मारो दम, कोयला चोर को कोयला खोर, चरस पीते हुए हैं को चरस बोलते हैं, घड़ियाली आंसू को योगी वाली आंसू और ड्रामा को ड्रम बाज बताया है।
अपने सोशल मीडिया हैंडल से इसे शेयर करते हुए संजय सिंह ने लिखा कि चलिए अब प्रतिदिन की शब्द का पर्यायवाची भी आ गया। हम लोग यही बोल कर काम चला लेंगे। उनके द्वारा शेयर किए गए इस पोस्ट पर लोग तरह तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोगों ने उनकी बातों का समर्थन किया है तो वहीं कुछ यूजर्स ने चुटकी लेते हुए जवाब दिया है।
यूजर्स के रिएक्शन : कपिल नाम के एक ट्विटर यूजर लिखते हैं कि ‘आप’ के रहते मनोरंजन में कोई कमी हो जाए, ये सोचना भी पाप है। योगेश यादव नाम के ट्विटर हैंडल द्वारा लिखा गया – वैसे भारत जुगाड़ टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है। जितेंद्र कुमार नाम एक यूजर ने लिखा, ‘कुछ दिन बाद केवल भाजपाई बोलना अमर्यादित हो जाएगा’। जुनैद नाम के एक यूजर ने सलाह दी कि संजय जी जल्दी से ही इन शब्दों को रट लीजिए।
अनुज कुमार नाम के ट्विटर यूजर ने दिल्ली पुलिस को टैग कर लिखा, ‘हमारे देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को अपमानित कर रहे ऐसे व्यक्ति पर एक्शन लिया जाना चाहिए।’ जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी असंसदीय शब्दों की सूची पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सरकार पर निशाना साधा है।