सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के आजमगढ़ से लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद वहां पर 23 जून को उपचुनाव होने हैं। इस उपचुनाव को लेकर इस बात पर चर्चा जोरों पर है कि यहां से सपा नेत्री व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) चुनाव लड़ सकती हैं, वहीं बीजेपी से दिनेश लाल निरहुआ (Dinesh Lal Nirhua) उनके सामने खड़े हो सकते हैं।

आजमगढ़ उपचुनाव (Azamgarh by-election) को लेकर निरहुआ एक टीवी चैनल से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उनसे सवाल किया गया कि डिंपल यादव अगर यहां से चुनाव लड़ती हैं तो वह आपको टक्कर दे पाएंगी या आप उनको कितनी बड़ी चुनौती समझते हैं? निरहुआ ने इसके जवाब में कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि वह यहां से चुनाव लड़ेंगी। हमेशा मुकाबला कड़ा होना चाहिए।

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि हमेशा ऐसा प्रत्याशी होना चाहिए जो एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे सके। जब आप नतीजों का अंदाजा पहले से ना लगा सकें, ऐसी ही तो मजा आता है। उन्होंने कहा, ‘अगर डिंपल यादव यहां चुनाव लड़ने आती हैं तो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी चुनाव लड़ने में मजा आएगा।’ इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर एक तरफा मामला होगा तो हमारे कार्यकर्ता भी बहुत उत्साह के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगे।

डिंपल के साथ प्रतिद्वंद्विता को लेकर सवाल किया गया तो निरहुआ ने कहा कि मेरी तरफ से किसी पर प्रतिक्रिया क्यों दी जाए, यहां पर डिंपल और अखिलेश की बात नहीं है। इस बार का चुनाव केवल आजमगढ़ के विकास के लिए है, आजमगढ़ को बस केवल अपने लिए सोचना है। यहां की जनता को डिंपल और अखिलेश के साथ मेरे बारे में भी कुछ नहीं सोचना है।

जानकारी के लिए बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा – बसपा गठबंधन के साथ इस सीट पर चुनाव लड़ा गया था। जिसमें अखिलेश यादव आजमगढ़ से चुने गए थे। बीजेपी ने भोजपुरी कलाकार दिनेश लाल निरहुआ को अपना प्रत्याशी बनाया था। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी उपचुनाव के लिए अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है लेकिन निरहुआ इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि
बीजेपी उन पर ही भरोसा करेगी।