असम के सबसे पुराने उद्योग और इसे समृद्ध बनाने वाले श्रमिकों के सम्मान में, राज्य की “चाय जनजातियों” के 8000 महिलाओं और पुरुषों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और 60 से अधिक देशों के मिशन हेड और राजदूतों की मौजूदगी में अपना पारंपरिक ‘झुमोईर’ फोक डांस किया। डांस का वीडियो पीएम मोदी ने खुद शेयर किया है।
पीएम मोदी, केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और कई विदेशी अतिथि असम सरकार के एडवांटेज असम 2.0 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए राज्य में हैं। उनके स्वागत में ये डांस किया गया। कार्यक्रम मंगलवार और बुधवार को होगा।
बीते कई महीने से प्रेक्टिस कर रहे थे कलाकार
असम में चाय उद्योग के 200 साल पूरे होने के मौके पर राज्य सरकार द्वारा आयोजित ‘झुमोईर’ परफॉर्मेंस के लिए कई महीनों की तैयारी और प्रक्टिस की गई थी। परफॉर्मेंस में हिस्सा लेने वाले कलाकार बीते कई महीने से डांस की प्रेक्टिस कर रहे थे।
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इस कार्यक्रम में बोलते हुए, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ये कार्यक्रम चाय बागान श्रमिक समुदाय का सम्मान करने के लिए था। झुमोईर असम की एक लोकनृत्य विधा है, जिसमें महिलाएं डांस करती हैं और पुरुष पारंपरिक म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाते हैं। इस डांस फॉर्म का असम की 17 प्रतिशत आबादी वाले “चाय जनजातियों” द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में एक महत्वपूर्ण स्थान है।
‘चाय जनजातियों’ की भी सेवा कर रही बीजेपी
कार्यक्रम में शामिल होने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में समुदाय तक अपनी बात पहुंचाई। उन्होंने कहा, “बीजेपी सरकार असम को आगे बढ़ा रही है और साथ ही अपने ‘चाय जनजातियों’ की भी सेवा कर रही है। उनके वेतन में वृद्धि के लिए, असम चाय निगम के श्रमिकों के लिए एक बोनस की घोषणा की गई है। खासकर बागानों में काम करने वाली हमारी बहनों और बेटियों को गर्भावस्था के दौरान बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब लगभग 1.5 लाख गर्भवती महिलाओं को 15,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है।”
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उन्होंने कहा,”उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए, असम सरकार 350 से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर खोल रही है। चाय जनजातियों के बच्चों के लिए, 100 से अधिक मॉडल चाय बागान स्कूल खोले जा रहे हैं। युवाओं के रोजगार के लिए ओबीसी कोटे में 3 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है। चाय उद्योग और उसके श्रमिकों की प्रगति असम की प्रगति को गति देगी।”
यहां देखें वीडियो –
असम के चाय उद्योग में प्राथमिक भूमिका निभाई
कार्यक्रम के दौरान असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा: “करीब 200 साल पहले, आजीविका की मजबूरी में, वे बिहार, बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश व देश के अलग-अलग हिस्सों से असम आए थे। वे असम आए और असम को अपनी मातृभूमि के रूप में स्वीकार किया और समय के साथ असमिया बन गए। उन्होंने असम के चाय उद्योग में प्राथमिक भूमिका निभाई और असम के औद्योगिक विकास में बड़ी भूमिका निभाई। असम के चाय बागानों और आदिवासी समुदायों ने असमिया समुदाय को संस्कृति, परंपराओं, तौर-तरीकों और रीति-रिवाजों में समृद्ध बनाया।”