Aadhaar–PAN Card Linking: परमानेंट अकाउंट नंबर यानी PAN का इस्तेमाल आप इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने, बैंक अकाउंट खोलने और पैसे से जुड़े कई जरूरी कामों में इस्तेमाल करने में किया जाता है। लेकिन अगर आप केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं तो इसके निष्क्रिय (deactivate) होने का खतरा हो सकता है। CBDT ने सभी PAN कार्ड धारकों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे अपने PAN को आधार नंबर से लिंक करें। जो लोग तय डेडलाइन तक यह लिंकिंग पूरी नहीं करेंगे, उनका PAN कार्ड डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा।
PAN डीएक्टिवेट होने पर क्या होता है?
अगर आपका PAN कार्ड डीएक्टिवेट हो जाता है तो यह आपके लिए कई मुश्किलें खड़ी कर सकता है और आप कानूनी व वित्तीय दिक्कतों में फंस सकते हैं।
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सिर्फ इतना ही नहीं, PAN के बिना आपको कई जरूरी कामों में परेशानी हो सकती है…
-आप नया बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट नहीं खोल पाएंगे।
-आप 50,000 रुपये से ज्यादा नकद जमा या फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) नहीं कर पाएंगे।
-डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर मार्केट में निवेश या SIP योजनाओं की शुरुआत नहीं कर सकेंगे।
-आप सरकारी वित्तीय कल्याण योजनाओं का लाभ भी नहीं उठा पाएंगे क्योंकि इनमें आवेदन के लिए PAN कार्ड जरूरी होता है।
इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप समय पर PAN-आधार लिंकिंग पूरी कर लें ताकि आपका PAN एक्टिव बना रहे और किसी भी तरह की वित्तीय परेशानी से बचा जा सके।
आधार के साथ PAN कैसे लिंक करें?
आपको बता दें कि आधार के साथ PAN को आसानी से लिंक किया जा सकता है:
-सबसे पहले इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की वेबसाइट https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाएं।
-इसके बाद बांये पैनल पर दिए गए ‘Link Aadhaar’ टैब पर क्लिक करें।
-अब पैन और आधार एंटर करें व ‘validate’ बटन पर क्लिक करें
-अगर आपका आधार और पैन पहले से लिंक है तो आपको उसी समय एक पॉप-अप मेसैज दिखेगा। अगर लिंक नहीं है तो यह OTP भेजने के लिए एक मोबाइल नंबर डालने को कहेगा।
-इसके बाद पैन और आधार लिंक करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने इसी साल अप्रैल में CBDT नोटिफिकेशन नंबर 26/2025 के तहत इस नियम को लागू किया था। इसलिए हमारी सलाह है कि आप समय रहते CBDT के इस निर्देश का पालन करें ताकि बाद में किसी तरह की परेशानी या दिक्कत का सामना न करना पड़े।
CBDT क्या है?
सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड एक संघीय एजेंसी है जो भारत सरकार के वित्त मंत्रालय को रिपोर्ट करती है। और भारत में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के तहत पॉलिसी बनाने- प्लानिंग करने और उन्हें लागू करने में मुख्य भूमिका निभाती है।
CBDT और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में क्या है फर्क?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT), वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग (Department of Revenue) के तहत काम करती है। भारत में प्रत्यक्ष करों (Direct Taxes) से संबंधित नीतियों और योजनाओं का ढांचा तैयार करने में CBDT की प्रमुख भूमिका होती है जो टैक्स सिस्टम को सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने में मदद करता है।
वहीं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को CBDT द्वारा कट्रोल और सुपरवाइज किया जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह सुनिश्चित करता है कि नियम व कानून उचित तरीके से लागू हों।
