योगगुरू बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली पतंजलि आयुर्वेद ने अपने मैसेजिंग ऐप ”किम्भो” को गूगल प्ले स्टोर से एक बार फिर हटा लिया है। कंपनी ने इसका ‘ट्रायल’ संस्करण प्ले स्टोर पर डालने के एक दिन बाद ही हटा लिया है। कंपनी ने आरोप लगाया कि यह स्वेदशी कंपनी के खिलाफ इंटरनेशनल कंपनियों का षडयंत्र है। कंपनी ने कहा कि ऐप जल्द ही वापस आयेगा। पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारवाला ने ट्वीट में कहा कि पतंजलि किम्भो ऐप इंटरनेशनल कंपनियों के षड्यंत्र का शिकार हुआ है। हमें असुविधा के लिये खेद है। यह ऐप जल्द ही प्ले स्टोर पर वापस आयेगा। उन्होंने एप को हटाने का कारण नहीं बताया है।
आपको बता दें कि कि पतंजलि ने किम्भो ऐप के ट्रायल वर्जन को पेश किया था और कहा था कि पतंजलि 27 अगस्त को इसे आधिकारिक रूप से पेश करेगी, लेकिन इस ऐप के ट्रायल वर्जन को भी एक ही दिन में हटा लिया गया है। इससे पहले इसी साल 31 मई को पतंजलि ने किम्भो ऐप को पेश किए जाने के एक दिन बाद ही गूगल प्ले स्टोर और एप्पल के ऐप स्टोर से हटा लिया था। कंपनी ने कहा था कि इसे सिर्फ एक दिन ट्रायल के लिये जारी किया गया था।
इस दौरान कई टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स ने ऐप में सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए थे, और इसकी खामियों को भी उजागर किया था। किंभो ऐप फेसबुक के मालिकान वाले Whatsapp का कंपटीटर होगा। पतंजलि भारत में अपने FMCG प्रॉडक्ट्स के लिए जाना जाता है। पतंजलि ने दावा किया कि किंभो को ऐप स्टोर पर डालने के बाद 3 घंटे में ही इसके 1.5 लाख डाउनलोड हो गए।
क्या होता है किंभो?: संस्कृत बोलचाल में किंभो शब्द का इस्तेमाल हाल-चाल पूछने के लिए किया जाता है। यूं समझिए यह हेलो, आप कैसे हैं या वॉट्सएप का संस्कृत वर्जन है। इसका मतलब हुआ कि किंभो का मतलब आप कैसे हैं होता है।