मानस मनोहर
इस मौसम में, जब बरसात समाप्ति की ओर है और सर्दी आने में अभी दूर है, बाजार में सब्जियों की विविधता नहीं है। लौकी, तोरई, भिंडी खाते-खाते मन ऊब जाता है। ऐसे में स्वाद बदलने के लिए कुछ देहाती पारंपरिक सब्जियां बनाना बेहतर रहता है।
चीला रसेदार
घर में जब कोई सब्जी न हो या स्वाद बदलने का मन हो, तो बेसन सबसे कारगर खाद्य है, जिससे अनेक प्रकार की चीजें बनाई जा सकती हैं। चीला तो अक्सर आप घर में बना कर खाते ही होंगे। मगर चीले को सब्जी के रूप में शायद नहीं खाया होगा। यह मजेदार व्यंजन है। बिल्कुल देहाती और पारंपरिक। बरसात के वक्त जब गांव-देहात के इलाके बाढ़ से घिरे होते या लगातार बारिश की गिरफ्त में होते हैं, पहाड़ों पर खाने-पीने की चीजों की पहुंच रुक जाती है, तब वहां के लोग घर में मौजूद अनाज को तरह-तरह से भोजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में बेसन सबसे उपयोगी खाद्य साबित होता है। चीले की सब्जी बनाने का चलन भी इसी तरह शुरू हुआ होगा।
रसेदार चीला बनाना बहुत आसान है, इसमें किसी तरह की विशेष तैयारी करने की भी जरूरत नहीं पड़ती। झटपट बनाया और रोटी या चावल किसी के भी साथ परोस दिया। स्वाद भी लाजवाब होता है। चीला तो आमतौर पर घरों में बनता ही है। बेसन में थोड़ी हल्दी, जरूरत भर का नमक, लाल मिर्च पाउडर, थोड़ी अजवाइन और हींग पाउडर डाल कर थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए गाढ़ा घोल तैयार करें। तवा या नान स्टिक पैन गरम करें। उस पर हल्का तेल चुपड़ें और एक कलछी बेसन का घोल उस पर फैला दें। मध्यम आंच पर पकने दें। जब नीचे का हिस्सा तवे को छोड़ने लगे तो पलट कर दूसरी तरफ से भी सेंक लें। चीला सेंकने का अच्छा तरीका यह होता है कि ऊपर से ढक्कन लगा कर पकाएं। इस तरह चीले के जलने की संभावना कम हो जाती है और दोनों तरफ से अच्छी तरह पक जाता है। इसी तरह सारे बेसन का या अपनी जरूरत भर के चीले पका कर अलग रख दें।
चीला तो आप नाश्ते के रूप में खाते ही हैं, इसे हमें सब्जी के रूप में बनाना है, इसलिए इसकी तरी बनानी होगी। आजकल टमाटर महंगे हो गए हैं, इसलिए कई लोग टमाटर नहीं खरीदते। ऐसे में इसकी तरी दही से बनाएं। दही की तरी में चीले की सब्जी बहुत स्वादिष्ट बनती है। इसके लिए एक से डेढ़ कटोरी दही को अच्छी तरह फेंट लें, ताकि उसमें गांठे न रहने पाएं। अब ऊपर से चौथाई चम्मच गरम मसाला, आधा चम्मच धनिया पाउडर, चुटकी भर लाल मिर्च पाउडर, थोड़ा हल्दी पाउडर और आधा छोटा चम्मच नमक मिला कर अच्छी तरह फेटें और पंद्रह-बीस मिनट तक ढंक कर रख दें, ताकि मसाले अच्छी तरह दही के साथ मिल जाएं।
अब कड़ाही में एक चम्मच घी या तेल गरम करें। उसमें जीरा, साबुत धनिया, दो साबुत सूखी मिर्च, सौंफ और अजवाइन का तड़का तैयार करें। तड़का चटक जाए, तो आंच बंद कर दें। फिर फेंटा हुआ दही उसमें डाल दें और दो मिनट तक चलाते हुए मिलाएं। फिर आंच जला कर मध्यम कर दें और चार से पांच मिनट तक पकाएं, ताकि मसाले पक जाएं। अब चीलों की छोटे टुकड़ों में काट या तोड़ लें और उन्हें दही की तरी में डाल दें। दो मिनट चलाते हुए पकाएं और आंच बंद कर दें।
रसेदार चीला तैयार है। इसे चाहें तो धनिया या पुदीना पत्ता और अदरक के लच्छे के साथ सजा कर परोसें। बच्चों के लिए यह नई सब्जी होगी। उन्हें इसे खाने की आदत पड़ जाए, तो बार-बार बनाएं यह पौष्टिक और मजेदार रसेदार चीला।
मेथी पापड़
आजकल मधुमेह की बढ़ती शिकायत के मद्देनजर लोगों को मेथी का सेवन अधिक करने की सलाह दी जाती है। मगर मेथी की कड़वाहट के चलते बहुत सारे लोग इसे कम ही खाना पसंद करते हैं। फिर, बहुत सारे लोगों को यही समझ नहीं आता कि वे मेथी को अपने भोजन में अधिक से अधिक किस तरह शामिल करें। इसका सबसे आसान तरीका है मेथी की सब्जी। यह राजस्थान की बहुत लोकप्रिय सब्जी है। इसे बनाने के लिए पहले थोड़ी तैयारी करनी पड़ती है।
आधा या चौथाई कटोरी मेथी के दाने धोकर रात भर के लिए भिगो दें। सुबह छान कर कपड़े में बांध कर रख दें। इस तरह मेथी के दाने अंकुरित हो जाएंगे। अंकुरित होने के बाद इनकी कड़वाहट कुछ कम हो जाती है। सब्जी बनाने के लिए पहले इन्हें अच्छी तरह धो लें और निथार कर अलग रख दें। मेथी पापड़ की सब्जी बनाने के लिए दो से तीन कच्चे पापड़ लें और चौथाई कटोरी गुड़ का पाउडर या एक छोटी भेली लें। भेली ले रहे हैं, तो उसे बारीक तोड़ लें। पापड़ को चार से छह टुकड़ों में तोड़ लें।
अब कड़ाही में एक चम्मच घी गरम करें। उसमें जीरा, अजवाइन, सौंफ और हींग पाउडर का तड़का तैयार करें। तड़का तैयार हो जाए, तो आंच मध्यम कर दें और उसमें मेथी दाने छौंक दें। चलाते हुए दो से तीन मिनट पकाएं। फिर उसमें आधा गिलास पानी डालें और ऊपर से थोड़ा लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर और आधा चम्मच धनिया पाउडर डालें और उबाल आने दें।
अगर इस सब्जी को मसालेदार नहीं खाना चाहते तो मसाले छोड़ भी सकते हैं। उबाल आने के बाद गुड़ डालें और घुलने तक पकने दें। देख लें कि मेथी के दाने पक कर नरम हो गए हैं या नहीं। फिर तोड़े हुए पापड़ डालें और एक उबाल आने के बाद आंच बंद कर दें। मेथी-पापड़ की सब्जी पूड़ी, रोटी या चावल-दाल के साथ खा सकते हैं।