हमारे शरीर में पैदा होने वाली विकृतियां यानी समस्याएं काफी कुछ हमारे शरीर की प्रकृति पर निर्भर करती हैं। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ दोष का संतुलन गड़बड़ होने से कई समस्याएं पैदा होती हैं। जोड़ों के दर्द में भी यह एक बड़ा कारण होता है।
आज के आधुनिक खानपान की शैली में बहुत सारे लोग पोषक आहार कम और तुरंता आहार लेना अधिक पसंद करते हैं। इससे भी शरीर में असंतुलन और फिर समस्याएं पैदा होती हैं। बढ़ती उम्र, किसी बीमारी या किसी पुरानी चोट की वजह से भी जोड़ों का दर्द हो सकता है।
कारण
जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे गठिया, विटामिन की कमी, कैल्शियम की कमी, शारीरिक कमजोरी आदि। कभी-कभी ठंड के कारण भी दर्द हो सकता है। कोरोना के बाद भी काफी मरीजों में यह समस्या देखी गई।
बदलते वातावरण की वजह से भी इंसान को कम उम्र में ही जोड़ों के दर्द की परेशानी उठानी पड़ती है। जोड़ों में दर्द आज के आधुनिक दौर में तीस की आयु में ही हो रहा है। युवा हो या प्रौढ़, सभी जोड़ों के दर्द से परेशान हैं।
जोड़ों का दर्द शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। काफी समय बैठे रहने से, लंबा सफर करने या उम्र बढ़ने से हमारे घुटने अकड़ जाते या दर्द करने लगते हैं, जिसे हम जोड़ों का दर्द कहते हैं।
जोड़ों का दर्द दो प्रकार का हो सकता है आस्टियो और रयूमेटाइड। कभी-कभी घुटनों के दर्द की वजह से पूरा पैर दर्द करने लगता है। यह दर्द घुटनों, कुहनियों, गदर्न, बाजुओं और कूल्हों में हो सकता है।
जब किसी जोड़ में उप-अस्थि भंग हो जाती है तो हड्डियां एक-दूसरे से रगड़ खाने लगती हैं। इससे सूजन, दर्द, ऐंठन उत्पन्न होती है। जोड़ों में दर्द का मुख्य कारण अक्सर हड्डियों में मिनरल यानी की खनिज की कमी होना, अर्थराइटिस, बर्साइटिस, कार्टिलेज का घिस जाना, खून का कैंसर होना, उम्र बढ़ना, हड्डियों में खनिज की कमी होता है।
इसके चलते चलने, खड़े होने, हिलने-डुलने और यहां तक कि आराम करते समय भी दर्द होता रहता है। जोड़ों में कड़ापन आ जाता है, जिससे खासकर सुबह या पूरे दिन दर्द बना रह सकता है।
- ऐसे में अगर बुखार, थकान और वजन घटने जैसे लक्षण भी हों, तो कोई गंभीर अंदरूनी या संक्रामक बीमारी हो सकती है।
घरेलू उपचार
कई बार अपच होने और पेट में गैस बनने की वजह से भी जोड़ों में दर्द रहने लगता है। इसके लिए पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने का प्रयास जरूरी है। इसमें हल्दी और अदरक को उबाल कर चाय की तरह पीएं, तो जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
- जहां दर्द है, उस हिस्से की मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है। मालिश सरसों के तेल या नारियल के तेल से हल्के हाथों से करें।
- लहसुन की दो कच्ची कलिया रोज सुबह खली पेट खाएं। सरसों के तेल में लहसुन की कलियां डाल कर भुन लें और फिर उसी तेल से दिन में दो बार दर्द प्रभावित हिस्से की मालिश करें। इससे बहुत लाभ प्राप्त होगा।
- सेंकी हुई मेथी का चूर्ण सुबह-शाम पानी के साथ लेने से वात रोग में लाभ होता है। यह घुटने के दर्द में भी लाभदायक है। साथ में वज्रासन करें।
क्या न खाएं
यदि जोड़ों में दर्द होता है, तो सबसे पहले अपने खानपान को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए। जोड़ों में दर्द हो तो कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। रात में चना, भिंडी, अरबी, आलू, खीरा, मूली, दही, राजमा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। दही, चावल, दाल और पालक नहीं खाना चाहिए, क्योंकि दाल और पालक में प्रोटीन अधिक होता है।
छिलके वाली दाल का सेवन करने से यूरिक एसिड जमा होने लगता है और यूरिक एसिड ज्यादा जमा होने पर जोड़ों में दर्द होता है। खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए। खाने के बाद तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए। माइक्रोओवन या ग्रिल में बना खाना रोज-रोज खाने से जोड़ों को नुकसान पहुंचाता है।
मीठी चीजें अधिक रूप में खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ता है। जो गठिया रोग बढ़ने का कारण बन जाता है। अधिक धूम्रपान करने से आक्सीजन की मात्रा मांसपेशियों तक पूरी नहीं पहुंचती, साथ ही निकोटीन रीढ़ की हड्डी की डिस्क को बाधित करता है। पीठ दर्द की समस्या बढ़ रही है, तो मैदे का सेवन अधिक न करें। अधिक वजन बढ़ जाना जोड़ों के दर्द का कारण बन जाता है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)