मानस मनोहर

गोभी के पकौड़े

सर्दी में छुट्टियों के दिन या फिर शाम को चाय के साथ गरमागरम पकौड़े खाने का आनंद ही अलग होता है। इस मौसम में बढ़िया गोभी मिलती है। तो क्यों न लें गोभी के पकौड़ों का मजा। बहुत ही लजीज होते हैं ये। गोभी के पकौड़े बनाने के लिए फूल गोभी की कलियों को मोटे-मोटे आकार में तोड़ लें। फिर इन्हें नमक और हल्दी वाले गरम पानी में थोड़ी देर के लिए रख दें। इस तरह इसके ऊपर की गंदगी भी धुल जाती है और उनमें कीड़े वगैरह भी खत्म हो जाते हैं। दस मिनट बाद गोभी को पानी से निकाल कर मोटे साफ कपड़े पर फैला दें, ताकि इसका पानी अच्छी तरह सूख जाए। अब एक कटोरे में गोभी की मात्रा को ध्यान में रखते हुए बेसन लें। पकौड़े बनाने के लिए हमेशा मोटा बेसन ही इस्तेमाल करना चाहिए। इसमें आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर, अजवाइन, आधा चम्मच हल्दी पाउडर, हींग, आधा चम्मच सब्जी मसाला या गरम मसाला और जरूरत के हिसाब से नमक डालें। अब बेसन को थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए अच्छी तरह से फेंटें। ध्यान रहे बेसन को फेंटते समय हमेशा चम्मच को एक ही दिशा में घुमाएं।

दोनों तरफ से घुमाने से बेसन नरम नहीं होता। यह भी ध्यान रखें कि एक ही बार में पानी न डालें। इस तरह बेसन के पतला होने का डर रहता है। बेसन गाढ़ा होना चाहिए, ताकि गोभी पर बेसन की परत अच्छी तरह चढ़ जाए। बेसन अच्छी तरह फेंटा गया है या नहीं, इसे जांचने के लिए एक कटोरी या गिलास में पानी लें और उसमें बेसन की एक बूंद डालें। अगर बेसन पानी पर तैरता है, तो समझें कि वह अच्छी तरह फेंटा जा चुका है। अब एक कड़ाही में तेल गरम करें। पकौड़ों के लिए सरसों का तेल ही इस्तेमाल करना चाहिए। इससे स्वाद अच्छा आता है और सेहत के लिहाज से भी अच्छा रहता है। तेल की मात्रा इतनी होनी चाहिए कि पकौड़े उसमें ठीक से तले जा सकें। जब तेल अच्छी तरह गरम हो जाए तो गोभी की कलियों को बेसन में लपेटते हुए कड़ाही में डालते जाएं। आंच तेज रखें। पकौड़ों का बेसन आधा पक जाए, यानी परत सख्त हो जाए तो उन्हें बाहर निकाल लें। इस तरह सारे पकौड़ों को तल लें। फिर इन पकौड़ों को दुबारा तलें। दुबारा तलते समय आंच मद्धिम रखें। पकौड़ों की परत का रंग गहरा हो जाए, तो समझ लीजिए कि वे पूरी तरह तल गए हैं और कुरकुरे हो चुके हैं। उन्हें कड़ाही से निकालें और टिश्यू पेपर पर रख कर अतिरिक्त तेल को सुखा लें। तैयार हैं गोभी के पकौड़े। अब इन पर चाट मसाला छिड़क कर मीठी और हरी चटनी के साथ गरमागरम परोसें।

गाजर-चुकंदर के कटलेट

सर्दियों के मौसम में बढ़िया गाजर और चुकंदर खूब मिलता है। इनके कटलेट बहुत स्वादिष्ट और सेहतमंद होते हैं।  गाजर-चुकंदर कटलेट बनाने के लिए चुकंदर और गाजर को महीन कद्दूकस कर लें। इनका रस स्वाभाविक रूप से जितना निकलता है, उसे निथार लें। फिर इसमें उबले हुए आलू को कद्दूकस करके मिला लें। आलू की मात्रा कुल गाजर-चुकंदर की मात्रा से आधी रखें। इसमें आलू सिर्फ इसलिए मिलाया जाता है ताकि गाजर-चुकंदर के टुकड़े आपस में चिपके रहें, तलते समय बिखरें नहीं। इसमें हरी मिर्च, अदरक, हरा धनिया, आधा चम्मच लाल मिच पाउडर और इतना ही सब्जी मसाला डाल लें। फिर जरूरत भर का नमक डाल कर हाथों से गूंथ लें। अब गुंथे हुए मिश्रण की लोइयां बना कर छोटे-छोटे चपटे या फिर बेलनाकार में कटलेट बना लें। इन कटलेटों को ब्रेड क्रम्स के ऊपर रखते हुए घुमाकर लपेटते जाएं। ब्रेड क्रम्स बाजार में आसानी से मिल जाते हैं। अगर न मिलें तो, इसे घर पर भी बनाया जा सकता है। ब्रेड के पुराने टुकड़ों को मसल कर उसका चूरा बना लें।

इसे मोटी छन्नी से छान लें। आपका ब्रेड क्रम्स तैयार है। कटलेट पर इसकी परत चढ़ा लेने से एक तो वह कुरकुरा बनता है और दूसरे तलते या सेंकते समय फटता नहीं है।  कटलेट को करीब आधे घंटे के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रखें। अगर कटलेट बनाने की जल्दी हो, तो उन्हें फ्रिजर में रख दें, जल्दी कड़े हो जाएंगे। अब एक कड़ाही में तेल गरम करें। उसमें कटलेट के टुकड़ों को डाल कर तल लें। इन्हें तलते समय शुरू में आंच तेज रखें, फिर मद्धिम कर दें। कटलेट सख्त हो जाएं तो उन्हें बाहर निकालें और टिश्यू पेपर पर रख कर अतिरिक्त तेल सुखा लें। तैयार हैं कटलेट। अब इन्हें हरी-लाल चटनी के साथ गरमागरम परोसें।
इसके साथ चाहें तो पत्ता गोभी के कुछ बारीक कटे लच्छे भी रख सकते हैं, इससे कंची यानी कचकचा स्वाद अच्छा आता है। ल्ल