बीमारी और स्त्री के बीच अदृश्यता आ जाए तो उसके दर्द को संदेह की नजर से भी देखा जाने लगता है। सुबह उठते ही आपके शरीर में इतना दर्द हो सकता है कि चीख के साथ रोने का मन करे। लेकिन आप ऊपरी तौर पर एकदम दुरुस्त दिख रही हैं और परिजनों को लग सकता है कि रोज का नाश्ता बनाने में आपको क्या परेशानी हो सकती है। दफ्तर में बाहरी तौर पर आपको देख कर सहयोगी ये अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि सामने वाले के शरीर में दर्द का विस्फोट हो रहा है। यह अदृश्य शारीरिक व मानसिक चुनौती है फाइब्रोमाल्जिया सिंड्रोम की। चिकित्सा विज्ञान ने अभी इस दर्द का कोई पुख्ता इलाज नहीं खोजा है। इससे जुड़े आंकड़े बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में सात गुना ज्यादा महिलाएं इसकी मरीज हैं। खास कर भारत जैसे देश में ग्रामीण समाज में तो महिलाओं के बीच यह बीमारी पकड़ में नहीं आती है और वो इसके कारण भयानक शारीरिक और मानसिक दर्द से गुजरती हैं।
मांसपेशियों पर हमला
फाइब्रोमाल्जिया मांसपेशियों को प्रभावित करती है। मांसपेशियों का यह दर्द इतना परेशान करता है कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। इसके कारण दूसरी कई तरह की समस्या पैदा हो जाती है। सब्जी काटने या बरतन धोते वक्त आपकी अंगुलियों को कई बार चोट लग सकती है। खास कर किसी एक काम को ज्यादा समय तक करने से कंधे इतने बोझिल हो जाते हैं कि हिलने-डुलने में भी बहुत दर्द महसूस होता है। इसके दर्द के कारण व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि बहुत हद तक प्रभावित होती है।
विशेषज्ञ बारबारा के बुश कहते हैं कि इससे होने वाले दर्द और थकान के कारण आपके काम करने की क्षमता कम होती जाती है। जब आप अपनी मांसपेशियों का इस्तेमाल करते हैं तो आपका शरीर कमजोर हो जाता है और जिंदगी बहुत मुश्किल हो जाती है। यह मांसपेशियों में तनाव और गांठ जैसा पैदा कर देती है जिस कारण पीठ के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द होता है। कंधे, कलाई और कुहनी की गतिविधियों को करने में दिक्कत होती है। इसके दर्द की चपेट में आने के बाद आप चौबीस घंटे जीते नहीं हैं बस आपका वजूद रहता है।
इसके मरीजों का कहना है कि इस दर्द ने उन्हें कैसे चुना पता ही नहीं चला। यह एक खास तरह की शारीरिक विकलांगता है, जो दिखती नहीं है। आपके सिर में कितना तेज दर्द हो रहा है, आपके लिए उठना-बैठना कितना मुश्किल है, यह वो व्यक्ति महूसस नहीं कर सकता जो इससे नहीं गुजरा है।
क्या हैं लक्षण
शरीर में तेज दर्द, बहुत ज्यादा कमजोरी, अनिद्रा इस बीमारी के प्रमुख लक्षण हैं। इससे पीड़ित इंसान हर समय कमजोरी महसूस करता है। भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस करता है। किसी को पीठ में सबसे ज्यादा दर्द महसूस हो सकता है तो किसी की कलाई के हिस्से में ज्यादा समस्या हो जाती है। ऊंगलियों की पकड़ कमजोर होती है जिससे सब्जी या नाखून काटने में मुश्किल हो सकती है।
खास तरह के व्यायाम
इसके लक्षणों के सामने आने के बाद खास तरह के व्यायाम और खुराक से इसके प्रभावों को कम किया जा सकता है। चूंकि आम दर्दनिवारक गोलियां इसमें बेअसर होती हैं तो खास तरह के पैच आते हैं जो कंधे या पीठ के बहुत ज्यादा दर्द वाली जगह पर लगाए जा सकते हैं। इसके मरीजों को दर्द से आराम दिलाने के लिए खास तरह की फिजियोथिरेपी और व्यायाम हैं। इससे जुड़े व्यायाम विशेषज्ञों की देखरेख में ही करने चाहिए।
कोई भी हो सकता है मरीज
फाइब्रोमाल्जिया का मरीज कोई भी हो सकता है। इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इसके मरीजों के प्रति संवेदनशील रहें। इस बीमारी की शिकार महिलाएं ज्यादा होती है। आम घरों में महिला मरीजों को इस तरह का ताना मिलता है कि अरे, अभी तक तो सब ठीक था अचानक से क्या हो गया, या दिखने में तो हट्टी-कट्टी लग रही लेकिन काम शुरू करते ही दर्द का बहाना बना लेती है। ऐसे ताने मरीज को मानसिक अवसाद में धकेल देते हैं। इस बीमारी के मरीजों को घर से लेकर दफ्तर में उचित सहयोग और संवेदना मिलेगी तो इसके दर्द को झेलने में आसानी रहेगी। (यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें)