जन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यही नहीं, भोजन सुपाच्य और पौष्टिक भी होना चाहिए। इतनी बात आमतौर पर सब लोग समझते हैं। फिर भी भोजन एक ऐसा मामला है, जिसे लेकर कई अवैज्ञानिक मान्यताएं और भ्रामक धारणाएं आज भी प्रचलन में हैं। इसमें जो सबसे खतरनाक मान्यता है, वह यह कि बेहतर और ज्यादा भोजन अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। यहां कुछ बातें हमें खासतौर पर समझनी चाहिए। यह सही है कि एक व्यक्ति के लिए इस बात का आकलन करना कठिन है कि उसे क्या खाना है और कितना खाना है। पर ऐसे कई साधन हैं, जिनके माध्यम से कोई भी यह जान सकता है कि उसे कब, क्या और कितना खाना है।

आहार विशेषज्ञों की राय
आमतौर पर लोग मानते हैं पूरे दिन में कम से कम तीन बार खाना जरूर खाना चाहिए। पर आहार विशेषज्ञों की राय इससे उलट है। उनके मुताबिक दिन में तीन बार खाने से ज्यादा बेहतर कम-कम मात्रा में छह-सात बार खाना चाहिए। उनके अनुसार दिन में कई बार खाने से ‘बॉडी क्लॉक’ सही रहता है। अलबत्ता दिन में कई बार खाना तो अच्छी बात जरूर है पर आपको यह ध्यान देना चाहिए कि आप खा क्या रहे हैं। दरअसल, हमारे शरीर को हर दो से तीन घंटे में कुछ खाना चाहिए होता है, ऐसे में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में हल्का और पौष्टिक भोजन करना एक अच्छा विकल्प है।

मोटापा घटाने में मददगार
कई बार थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खाना खाने से फैट बर्न होने की क्षमता तेज हो जाती है। इस तरह से खाने से शरीर की मेटाबॉलिज्म शक्ति मजबूत होती है। आहार विशेषज्ञों की यह भी राय है कि दो से तीन घंटें पर खाने की कुछ-कुछ मात्रा लेने से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है, जिससे शरीर में जरूरी ऊर्जा बनी रहती है।

दैनिक आहार का आकलन
एक आदमी के लिए इस बात को जानना बहुत जरूरी है कि पूरे दिन में वह क्या क्या-क्या और कितनी मात्रा में खाए। इसके लिए कुछ बातें समझनी जरूरी हैं। संयुक्तराष्ट्र के मुताबिक, पोषण की कमी के कारण शरीर कमजोर होता है और इस कारण बीमारियों का हमला होता है और ऐसे में दुनियाभर में हर साल करीब 60 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। ‘हील योर बॉडी’ के संस्थापक रजत त्रेहन बताते हैं कि आपको अपने शरीर की जरूरतों को पूरा करने के लिए दैनिक आधार पर कुछ तय चीजें खानी होंगी।

शरीर के लिए सर्वाधिक जरूरी
प्रोटीन हमारे प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत रखते हैं। दुग्ध उत्पादों और अंडों में प्रोटीन होता है। इन्हें अपने भोजन में हर हाल में शामिल करना चाहिए। बीमारी फैलाने वाले कारकों से बचने के लिए विटामिन सी, ई और बेटा-कैरोटीन की हमें जरूरत होती है और इसी कारण इन्हें अपने भोजन में शामिल करना जरूरी है। इसी तरह एंटीआक्सीडेंट्स एक तरह के सूक्ष्म पोषक होते हैं और ये हमारे शरीर की रक्षा करते हैं। शरीर में इनकी अपेक्षित मात्रा होनी इसलिए जरूरी है क्योंकि इससे खाद्य पदार्थों का आॅक्सीकरण होते रहता है। इससे वे इन्हें खराब होने से रोकते हैं।

कुछ और जरूरी बातें
’हर व्यक्तिको रोजाना शरीर की जरूरत के मुताबिक पानी पीना चाहिए। इसी तरह ऊर्जा के लिए किलोजूल (विशेष रूप से कार्बोहाइड्रेट), जैतून के तेल, मछली, नट्स, एवोकैडो और फैटी एसिड युक्त भोजन लेना चाहिए। ’वसा में घुलनशील और पानी में घुलनशील विटामिन, आवश्यक खनिज जैसे लोहा, कैल्शियम और जस्ता, पौधों से प्राप्त फाइटोकेमिकल्स और फल, सब्जियों का एक विविध आहार समावेशी अनाज और फलियां आदि भोजन को संतुलित बनाते हैं।

’जब हम जीवन के विभिन्न चरणों में जाते हैं तो हमारे शरीर की पोषण संबंधी आवश्यकताएं बदल जाती हैं। हमारे आहार में उम्र और अवस्था के मुताबिक बहुत सारे पोषण-सघन खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए।

’व्यायाम करना कभी न भूलें। शरीर की पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहे इसके लिए व्यायाम का नियमित अभ्यास जरूरी है। ध्यान रहे कि व्यायाम के साथ शरीर को अपेक्षित आराम भी चाहिए। रात में जल्दी खाने और सुबह जल्दी उठने की आदत बेहतर मानी गई है।

(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें )