पिछले महीने, बोइंग ने 787 ड्रीमलाइनर पर अपने एक अरबवें यात्री को ले जाने का जश्न मनाया। यह एक प्रभावशाली उपलब्धि है, क्योंकि इसे शुरू हुए सिर्फ 14 साल हुए हैं। अहमदाबाद में हुई दुखद एअर इंडिया दुर्घटना से पहले, यह माडल अंतरमहाद्वीपीय यात्रा का मुख्य आधार था और इसका सुरक्षा रिकार्ड बेहतरीन था।

यह बोइंग 737 मैक्स से अलग विमान है। मैक्स इंडोनेशिया में 2018 और 2019 में इथियोपिया में भयावह दुर्घटनाओं के बाद सुर्खियों में था। इसमें सैकड़ों लोग मौत के मुंह में समा गए थे। जांच से पता चला कि मैक्स के हादसों का कारण साफ्टवेयर में खराबी थी। इस माडल को विश्व भर में 18 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।

उड़ान की महत्त्वपूर्ण जानकारी संग्रहित करने वाले एअर इंडिया के दुर्घटनाग्रस्त ड्रीमलाइनर के दोनों ब्लैक बाक्स बरामद हो चुके हैं। समझा जाता है कि इनकी जांच अमेरिका में होगी और तभी असली वजह पता चलेगी।

एअर इंडिया की त्रासदी बोइंग के लिए एक और समस्या है, जिसने पिछले वर्ष प्रति माह लगभग एक अरब डालर का नुकसान उठाया था, क्योंकि कंपनी को सुरक्षा संकट, गुणवत्ता नियंत्रण के मुद्दों के साथ ही सात हफ्तों तक चली श्रमिकों की हड़ताल से भी जूझना पड़ा था। 2024 में अलास्का एअरलाइंस की उड़ान के दौरान बीच में ही इसका एक दरवाजा टूट गया, जिसके बाद बोइंग को 160 मिलियन डालर का मुआवजा देने के लिए मजबूर होना पड़ा।

गंभीर वित्तीय समस्याओं के अलावा, बोइंग को अपनी सुरक्षा के तौर तरीकों पर भी गंभीर सवालों का सामना करना पड़ा है। अप्रैल में, कंपनी ने कहा था कि सुरक्षा और गुणवत्ता पर हमारे निरंतर ध्यान से परिचालन में सुधार हुआ है। 2019 में कुछ पूर्व कर्मचारियों के हवाले से मीडिया में खबर आई थी कि दबाव में कर्मचारी जानबूझकर उत्पादन स्तर पर विमानों में घटिया स्तर के पुर्जे लगा रहे थे।

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जान बार्नेट, जिन्होंने बोइंग में 30 से अधिक वर्षों तक गुणवत्ता नियंत्रण प्रबंधक के रूप में काम किया था, ने पिछले साल मार्च में आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य इंजीनियर सैम सालेहपुर ने अमेरिकी नेताओं को बताया कि बोइंग विमानों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताने के बाद उन्हें परेशान किया गया और धमकाया गया।
बोइंग इंडोनेशिया और इथियोपिया में हुई दुर्घटनाओं से संबंधित कानूनी लड़ाइयों में भी उलझी हुई है।

पिछले महीने, कंपनी अमेरिकी न्याय विभाग के साथ समझौता करके आपराधिक मुकदमे से बाल-बाल बच गई। न्याय विभाग ने कहा कि बोइंग अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन की जांच में बाधा डालने और बाधा डालने की साजिश की बात स्वीकार करेगी और उसे 1.1 अरब डालर से अधिक का जुर्माना देना होगा।

शीर्ष 20 सुरक्षित एअरलाइंस

अगर भारत की विमान सुरक्षा रैंकिंग की बात करें तो दुनिया की शीर्ष 20 सबसे सुरक्षित एअरलाइंस में भारत की किसी भी विमान कंपनी का नाम नहीं है। दुनिया की 20 सबसे सुरक्षित कम लागत वाली एअरलाइंस में 19वें नंबर पर इंडिगो का स्थान है। एअरलाइनरेटिंग्स डाट काम के मुताबिक दुनिया की 20 सबसे सुरक्षित एअरलाइंस हैं-

शीर्ष एअरलाइंस हैं

एअर न्यूजीलैंड (एनजेड), क्वांटास (क्यूएफ), कैथे पैसिफिक (सीएक्स), कतर एअरवेज (क्यूआर), वर्जिन आस्ट्रेलिया, एतिहाद एअरवेज, एएनए, ईवीए एअर, कोरियाई एअर।

अन्य एअरलाइंस

तुर्की एअरलाइंस, टीएपी एअर पुर्तगाल, हवाईयन एअरलाइंस, अमेरिकन एअरलाइंस, एसएएस, ब्रिटिश एअरवेज, आईबेरिया, फिनएयर, लुफ्थांसा/स्विस, जेएएल, अलास्का एअरलाइंस, एअर कनाडा।

विश्व की 20 सबसे सुरक्षित कम लागत वाली एअरलाइन

हांगकांग एक्सप्रेस, जेटस्टार ग्रुप, रेअनएअर, ईजीजेट, फ्रंटियर एअरलाइंस, एअरएशिया, विज एअर, वियतजेट एअर, साउथ वेस्ट एअरलाइंस, वोलारिस, फ्लाइदुबई, नार्वेजियन, वुएलिंग, जेट2.काम, सन कंट्री एअरलाइंस, वेस्टजेट, जेटब्लू एअरवेज, एअर अरेबिया, इंडिगो, यूरोविंग्स।

भारतीय विमान कंपनियों के संचालक

प्रमुख भारतीय एअरलाइनों में एअर इंडिया और इंडिगो एअरबस और बोइंग विमानों इस्तेमाल करते हैं। इंडिगो के पास बोइंग कम हैं।

एअर इंडिया के बेड़े की संरचना

एअर इंडिया एअरबस और बोइंग दोनों विमानों का उपयोग करती है। इसके बेड़े में बोइंग (43%) की तुलना में एअरबस (57%) का फीसद अधिक है।

इंडिगो के बेड़े की संरचना

इंडिगो मुख्य रूप से एअरबस विमानों का परिचालन करती है। उसके बेड़े में 98% विमान एअरबस के हैं तथा दो फीसद विमान बोइंग के हैं।

समग्र बाजार उपस्थिति

एअर इंडिया समूह, जिसमें मुख्य एअरलाइन एअर इंडिया और इसकी सहायक कंपनी एअर इंडिया एक्सप्रेस शामिल हैं। 12 महीने की अवधि में भारतीय एअरलाइन बाजार की विमान निर्माता कंपनियों एअरबस और बोइंग पर निर्भरता को समझने के लिए आंकड़े दिलचस्प हैं-

घरेलू बाजार प्रभुत्व

घरेलू एअरलाइन बाजार में एअरबस का दबदबा है तथा विमान उपयोग में बोइंग की हिस्सेदारी 12% जबकि एअरबस की 81% है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में हिस्सेदारी

भारतीय अंतरराष्ट्रीय एअरलाइन बाजार में एअरबस 55% की बढ़त के साथ अग्रणी है, जबकि बोइंग की हिस्सेदारी 44% है।

समग्र बेड़ा

प्रमुख भारतीय एअरलाइन कंपनी एअर इंडिया घरेलू और कम दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए पतली संरचना वाले विमानों (जैसे एअरबस ए320 परिवार और बोइंग 737) तथा लंबी दूरी के अंतरराष्ट्रीय मार्गों के लिए चौड़ी संरचना वाले विमानों (जैसे एअरबस ए350, बोइंग 777 और बोइंग 787) के मिश्रित बेड़े संचालित करती है।

एअर इंडिया अपने चौड़ी संरचना परिचालन के लिए मुख्य रूप से बोइंग जेट का उपयोग करती है और यह देश में बोइंग 777 और 787 विमानों की सबसे बड़ी परिचालक है। वहीं, एअर इंडिया एक्सप्रेस भारत में बोइंग 737 विमानों की सबसे बड़ी परिचालक है। इसके उलट इंडिगो के बेड़े में 98 फीसद एअरबस पतली संरचना वाले विमान हैं, जिनमें लगभग 213 ए320 और 143 ए321 हैं। इंडिगो भारत में ए320 और ए321 दोनों विमानों का सबसे बड़ा संचालक है।

प्रमुख भारतीय एअरलाइन के विमान बेड़े की तुलना

एअर इंडिया समूह
132 बोइंग और 173 एअरबस विमानों के साथ सबसे बड़ा संयुक्त बेड़ा संचालित करता है, जिसमें कुल 305 विमान हैं।

इंडिगो
इसके बेड़े में मुख्यत: एअरबस विमान हैं, जिनमें 356 एअरबस और सात बोइंग विमान हैं। अकासा एअर और स्पाइसजेट क्रमश: 30 और 29 विमानों के साथ विशेष रूप से बोइंग विमानों का संचालन करते हैं।

बोइंग की बाजार हिस्सेदारी
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बोइंग की बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 44 फीसद हो गई है, जिसे एअर इंडिया के बोइंग 777 और 787 विमानों के बेड़े के मजबूत चौड़ी संरचना संचालन से बल मिला है।

घरेलू बाजार में इंडिगो का दबदबा

घरेलू भारतीय विमानन बाजार में इंडिगो का दबदबा 60 फीसद से अधिक की बाजार हिस्सेदारी के साथ स्पष्ट है। नतीजतन, पिछले 12 महीनों के ‘सीरियम डियोओ’ के आंकड़ों के अनुसार, एअरबस विमानों की कुल घरेलू बाजार में हिस्सेदारी 80 फीसद से अधिक है।

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