‘फैन’ किसी प्रशंसक की दीवानगी के हद तक जाने की कहानी है। ऐसी दीवानगी जो आत्मविनाशक और परपीड़क दोनों हो सकती है। फिल्म की सबसे बड़ी खासियत यह है कि शाहरुख खान ने इसमें दोहरी भूमिका निभाई है। उन्होंने ही आर्यन खन्ना नाम के सुपरस्टार और उसके फैन गौरव, दोनों का किरदार निभाया है। यानी भगवान भी और भक्त भी।
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पचीस साल का गौरव दिल्ली में रहता है और उसका छोटा मोटा धंधा है। गौरव मिमिक्री कलाकार भी है। वह छोटे-मोटे कार्यक्रमों में हिस्सा भी लेता है। उसकी सूरत फिल्मी हीरो आर्यन खन्ना से मिलती जुलती है। वह आर्यन का सबसे बड़ा फैन होने का दावा करता है। एक दिन गौरव तय करता है कि उसे अपने भगवान यानी आर्यन खन्ना से मिलना है। वो मुंबई जाता है, जहां वह चाहता है कि आर्यन खन्ना उसे कम से कम पांच मिनट का वक्त दे। आखिर एक फैन का इतना हक तो बनता है। मुलाकात नहीं होती लेकिन यहीं से समस्या शुरू होती है। हालात ऐसे बनते हैं कि भक्त भगवान से नाराज हो जाता है और बदला लेने पर उतर आता है। वो आर्यन का न केवल पीछा करता है, बल्कि उसे कई तरह से परेशान भी करता है। आर्यन खन्ना इससे कैसे बचेगा और अपने फैन के साथ क्या सलूक करेगा- इसी सवाल के सहारे फिल्म आगे बढ़ती है।
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शाहरुख के फैंस को इस फिल्म के जरिए नए तरह का तजुर्बा होगा। ज्यादातर फिल्मों में शाहरुख रोमांटिक भूमिकाओं में ही नजर आए हैं। इस बार वे कुछ हट के वाले अंदाज में हैं। फिल्म में कोई रोमांस नहीं है, इसलिए किसी हीरोइन की जरूरत महसूस नहीं की गई। गाने भी कम हैं। हाल में आई शाहरुख की फिल्मों में यह अलग तरीके की मूवी है, फिर भी उनकी कुछ पुरानी फिल्मों – ‘डर’ और ‘अंजाम’ की छाया गौरव के किरदार में नजर आती है। फिल्म की शुरुआत में गौरव एक मासूमियत शख्स है लेकिन बाद मे वह एक साइको में तब्दील हो जाता है। ये कहने की जरूरत नहीं है कि शाहरुख इसी किरदार में ज्यादा जमे हैं। वे पचास साल के हो चुके हैं, लेकिन विदेशी मेकअप मैन के कमाल की वजह से पचीस साल वाले गौरव की उनकी भूमिका ज्यादा विश्वसनीय नजर आती है। शाहरुख आर्यन खन्ना वाले किरदार में भी फबे हैं लेकिन उस चरित्र में उतनी विविधता नहीं है। वैसे निर्देशक ने गौरव और आर्यन, दोनों ही किरदारों को किसी शेड में नहीं दिखाया है इसलिए दर्शकों की सहानुभूति दोनों को मिलती है। मध्यांतर के बाद फिल्म थोड़ी धीमी हो जाती है।
निर्देशक- मनीष शर्मा
कलाकार- शाहरुख खान, वलूशा डीसूजा. श्रेया पिलगांवकर, सयानी गुप्ता