मोमबत्तियां अलग-अलग धर्मों में अलग-अलग त्योहारों पर जलाई जाती हैं। हिंदू धर्म में भी दीपावली जैसे कुछ त्योहारों पर मोमबत्तियां जलाने का विधान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोमबत्तियां क्यों जलाई जाती हैं? मोमबत्तियां जलाने का धार्मिक महत्व क्या है? यदि नहीं तो आज हम आपको इसी बारे में विस्तार से बता रहे हैं। दरअसल हर एक धर्म में प्रकाश का विशेष महत्व है। प्रकाश को ईश्वर का रूप माना गया है। प्रकाश की तुलना ज्ञान से की गई है। यानी कि त्योहारों पर प्रकाश रूपी मोमबत्तियां जलाकर हम खुद को अंधकार(अज्ञानता) से निकालकर प्रकाश(ज्ञान) की ओर लेकर जाने का प्रयास करते हैं। त्योहारों के खास मौकों पर हम मोमबत्तियां जलाकर प्रकाश की महत्ता को मान्यता देते हैं।

विभन्न धर्मों में दीपक, अग्नि या मोमबत्तियों के जरिए त्योहारों के अवसर पर प्रकाश किया जाता है। कहा जाताा है कि खास मौकों पर घर, आंगन, द्वार, दफ्तर इत्यादि जगहों पर प्रकाश करने से ईश्वर की कृपा मिलती है। इस कृपा से जीवन का अंधेरा दूर होने की बात कही गई है। कहते हैं कि जब आप प्रकाश के रूप में ईश्वर की आराधना करते हैं तो ईश्वर आपको प्रकाश यानी ज्ञान के रूप में ही मिलता है। इससे आपके जीवन के अंधकार दूर हो जाते हैं और आप काफी प्रगति करते हैं।

ईसाई धर्म में क्रिसमस के मौके पर प्रभु यीशु के सामने ढेर सारी मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। इससे ईसाई लोग जीवन में यीशु से जीवन में प्रकाश लाने की कामना रखते हैं। त्योहारों के खास मौके पर अलग-अलग रंग की मोमबत्तियां जलाने को भी शुभ माना गया है। कहते हैं कि विभिन्न रंगों की मोमबत्तियां जलाने से जीवन में खुशियों और सफलता का आगमन होता है। इससे परिवार में सम्पन्नता और एकजुटता आती है। साथ ही इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सकारात्मकता का वास होता है।