Garuda Purana: गरुड़ पुराण में कुल 271 अध्याय हैं। वहीं 35 ऐसे अध्याय हैं, जिसमें मृत्यु के बाद व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार सजा का प्रावधान मिलता है। आपको बता दें कि गरुड़ पुराण के अधिपति भगवान विष्णु हैं। वहीं गरुड़ पुराण का वाचन तब किया जाता है। जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यहां हम आपको बताने जा रहे हैंं कि मृत्यु के बाद पहले तो आत्मा को नरक में उसके पाप कर्मों के अनुसार सजा दी जाती है। गरुण पुराण में स्वर्ग और नरक के संबंध में विस्तारपूर्वक से एक-एक करके के कर्मो के आधार पर उसका वर्णन किया गया है। साथ ही इसके बाद जब उसके अगले जन्म का समय आता है तो, उसे अगला जन्म भी कर्मों के आधार पर ही मिलता है। मतलब व्यक्ति को कर्मों के अनुसार कौन सी सजा मिलती है आइए जानते हैं…
पशु- पक्षियों की हत्या
गरुड़ पुराण के अनुसार जो भी व्यक्ति निर्दोष जीवों की हत्या करता है या जो लोग अपने स्वार्थ के लिए पशु- पक्षियों की हत्या करते हैं या उन्हें सताते हैं। तो ऐसे व्यक्ति की आत्मा को नरक में गरम तेल में डालकर तला जाता है। साथ ही इनका जन्म चांडाल रूप में लेनेवाला माना जाता है।
पशु- पक्षी की योनि में मिलता है जन्म
जो लोग चोरी, पैसे लूटना, धोखाधड़ी या चोरी करके अपने शौक पूरे करते हैं तो गरुण पुराण के मुताबिक जब उनकी मृत्यु होती है, तो मृत्यु के बाद यमराज के दूत उनको रस्सी से बांधकर पीटते हुए नरक ले जाते हैं। ऐसे लोगों का जन्म सियार, गिद्ध, सांप, गधा और कौंच योनि में हो सकता है।
बुजुर्गों का अपमान
गरुड़ पुराण के मुताबिक जो लोग बड़े बुजुर्गों का अपमान करते हैं या उनको सताते हैं। ऐसे लोगों के लिए नकर में भयानक सजा दी जाती है। ऐसे व्यक्ति को नरक की आग में तब तक डुबोया जाता है जब तक उसकी खाल न निकल जाए।
महिलाओं के साथ दुष्कर्म
जो व्यक्ति महिलाओंं के साथ दुष्कर्म या शोषण करते हैं या धोखा देते हैं। गरुड़ पुराण अनुसार ऐसे लोगों को नरक में मल-मूत्र से भरे कुएं में डाला जाता है। साथ ही इनका अगला जन्म नपुंसक के रूप में होता है।