महर्षि विदुर नीतियों के ज्ञाता थे। उनकी तेज बुद्धि से हर कोई प्रभावित हो जाता था। महाभारत काल के प्रसिद्ध महात्मा विदुर की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती हैं। महाभारत युद्ध से पहले महात्मा विदुर और धृतराष्ट्र के बीच जो भी बातें हुई थीं, उन्हें विदुर नीति के नाम से जाना जाता है। विदुर जी ने धन के विषय में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। धन को लेकर महात्मा विदुर का मानना है की 3 तरह के लोगों को कभी भी धन का कर्ज नहीं देना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को दिया गया कर्ज कभी वापस नहीं लौटता या फिर वह नष्ट हो जाता है।

आलसी व्यक्ति: महात्मा विदुर के अनुसार आलसी व्यक्ति को कभी भी कर्ज नहीं देना चाहिए। क्योंकि आलस से भरे लोग कभी भी ना तो धन की अहमियत समझते हैं और ना ही उसे संचित कर पाते हैं। यह अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए भी दूसरों पर निर्भर होते हैं। यदि आप आलसी लोगों को धन का कर्ज देते हैं तो वह वापस नहीं मिल पाता है।

अनैतिक काम करने वाला: जो लोग अनैतिक यानी गलत काम करते हैं, उन्हें कभी भी पैसे उधार नहीं देने चाहिए। क्योंकि ऐसे लोग आपके दिए गए धन का प्रयोग गलत कार्यों को बढ़ाने के लिए करते हैं। ऐसे लोग अपना स्वार्थ साधने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इसलिए बुरे काम करने वाले व्यक्ति को भूलकर भी धन नहीं देना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग आपके धन को बर्बाद कर देते हैं। साथ ही आपकी जान को भी संकट पैदा हो सकता है।

आप जिन लोगों को विश्वास ना करते हों: ऐसे लोगों को भी कभी धन नहीं देना चाहिए, जिन पर आपको भरोसा ना हो। क्योंकि अगर आप इस प्रकार के लोगों को धन दे भी देते हैं तो आपको वह वापस मिलने की संभावना नहीं रहती। इसलिए विदुर जी का मानना है कि ऐसे लोगों को पैसा देकर व्यक्ति स्वयं का ही नुकसान करता है।

माना जाता है कि जो व्यक्ति विदुर जी की नीतियों का अनुसरण करता है, वह अपने जीवन में सभी सुखों को प्राप्त कर सकता है।