Vastu Tips For Bedroom: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का हर कोना अपनी अलग ऊर्जा रखता है, लेकिन बेडरूम को सबसे अहम माना गया है। क्योंकि यह जगह विश्राम और मानसिक शांति का केंद्र होती है। खासकर पति-पत्नी के रिश्तों और आपसी समझ पर बेडरूम की ऊर्जा का गहरा असर पड़ता है। ऐसे में यहां रखी जाने वाली हर चीज, खासकर धार्मिक तस्वीरें, बहुत सोच-समझकर लगानी चाहिए। वास्तु कहता है कि गलत दिशा या गलत तस्वीरें बेडरूम में लगाने से रिश्तों में दूरियां और तनाव बढ़ा सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार किन देवताओं की तस्वीरें बेडरूम में लगाने से बचना चाहिए।

राधा-कृष्ण की तस्वीर

वास्तु शास्त्र में राधा-कृष्ण की जोड़ी को प्रेम और सामंजस्य का प्रतीक माना गया है। बेडरूम में इनकी तस्वीर लगाने से दांपत्य जीवन में प्यार और समझ बढ़ती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि बेडरूम में केवल राधा या केवल कृष्ण की तस्वीर कभी भी न लगाएं, क्योंकि इससे रिश्तों में अस्थिरता आ सकती है। वास्तु के अनुसार, राधा-कृष्ण की तस्वीर उत्तर दिशा की दीवार पर लगाना सबसे शुभ माना गया है।

शिव-पार्वती की तस्वीर

भगवान शिव और माता पार्वती की तस्वीर भी बेडरूम के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। यह तस्वीर रिश्ते में स्थिरता, भरोसा और सहयोग बढ़ाती है। पति-पत्नी के बीच आपसी सम्मान और विश्वास को मजबूत करने के लिए इसे उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। लेकिन ध्यान रहें कि कभी भी अकेले भगवान शिव या माता पार्वती की तस्वीर न लगाएं।

हनुमान जी की तस्वीर

वास्तु के अनुसार, बेडरूम में हनुमान जी की तस्वीर लगाने से तनाव, अनिद्रा या मतभेद बढ़ सकते हैं। यदि आप हनुमान जी की पूजा करते हैं, तो उनकी तस्वीर पूजा कक्ष या मुख्य द्वार पर लगाएं।

मां दुर्गा की तस्वीर

मां दुर्गा शक्ति और उग्र ऊर्जा की प्रतीक हैं। उनकी तस्वीर बेडरूम में लगाने से वहां की शांति भंग हो सकती है। इससे रिश्तों में वाद-विवाद या असहमति की संभावना बढ़ जाती है। वास्तु के अनुसार, मां दुर्गा की तस्वीर हमेशा घर के पूजा कक्ष या पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।

ध्यान या तपस्या मुद्रा वाली तस्वीरों से भी बचें

बेडरूम वह स्थान है जहां मन और शरीर दोनों को विश्राम की आवश्यकता होती है। बेडरूम में तपस्या या ध्यान मुद्रा में भगवान की तस्वीरें लगाना शुभ नहीं माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ये तस्वीरें मानसिक तनाव, अस्थिरता और रिश्तों में दूरी का कारण बन सकती हैं।

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