Utpanna Ekadashi 2025 Puja Vidhi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त इस व्रत को पालन करते हैं, उन्हें सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और उन्हें भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिषीय पंचांग के अनुसार, अगहन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का आरंभ 15 नवंबर को रात 12 बजकर 49 मिनट पर होगा। वहीं इस तिथि का समापन 16 नवंबर की देर रात 2 बजकर 38 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर 2025 को रखा जाएगा। आइए जानते हैं उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और उपाय के बारे में…
उत्पन्ना एकादशी 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2025 Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 31 मिनट से 05 बजकर 23 मिनट तक
- विजय मुहूर्त – दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से 02 बजकर 24 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त – शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त – रात 11 बजकर 23 मिनट से 12 बजकर 14 मिनट तक
उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि (Utpanna Ekadashi 2025 Puja Vidhi)
- उत्पन्ना एकादशी के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त हों।
- इस दिन स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र धारण करें और मन में व्रत का संकल्प लें।
- भगवान श्विष्णु की विधिवत पूजा आरंभ करें।
- इसके लिए एक लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- स्वयं आसन पर बैठकर जल से आचमन करें और भगवान का ध्यान लगाएं।
- भगवान विष्णु को पीला चंदन, अक्षत, पुष्प, तुलसी की माला और पीले फूल अर्पित करें।
- भोग में मिठाई और फल लगाएं। भोग में तुलसी दल अवश्य शामिल करें, क्योंकि तुलसी के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
- इसके बाद घी का दीपक और धूप जलाकर भगवान की आराधना करें और ‘ॐ वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करें।
- पूजा के बाद उत्पन्ना एकादशी व्रत कथा का पाठ करें और अंत में भगवान की आरती उतारें।
- आरती के बाद पूजा में हुई भूल के लिए क्षमा याचना करें और अपनी मनोकामना भगवान विष्णु के समक्ष व्यक्त करें।
- पूरे दिन संयमपूर्वक व्रत रखें और शाम के समय पुनः भगवान विष्णु की पूजा करें।
- अगले दिन, पूजा कर व्रत का पारण करें।
उत्पन्ना एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप (Utpanna Ekadashi 2025 Mantra)
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
- ॐ विष्णवे नम:
- ॐ हूं विष्णवे नम:
- ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
- ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
उत्पन्ना एकादशी के उपाय (Utpanna Ekadashi 2025 Upay)
उत्पन्ना एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष नौ मुख वाला घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और धन-समृद्धि के योग बनने लगते हैं। साथ ही, इससे आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। इसके अलावा इस दिन विष्णु जी को मंजरी जरूर चढ़ाना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से जीवन के हर एक कष्ट दूर हो जाता है और सुख-संपदा की प्राप्ति होती है।
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