हिंदू धर्म में भगवान की प्रार्थना करने का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति को नियमीत रूप से भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए। सामान्य तौर पर देवी-देवता की तस्वीर या मूर्ति के समझ हाथ जोड़कर खड़े होने को प्रार्थना करना माना जाता है। प्रार्थना के दौरान भक्त ईश्वर का ध्यान करता है, ईश्वर से अपने सुख-दुख साझा करता है। मान्यता है कि भगवान की प्रार्थना करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। हालांकि शास्त्रों में प्रार्थना करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखने के लिए कहा गया है। हम आपको ऐसी ही पांच गलतियों के बारे में बता रहे हैं जिनसे प्रार्थना का शुभ फल नहीं मिलने की मान्यता है।

1. ध्यान भटकना: शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान की प्रार्थना करते समय भक्त का ध्यान नहीं भटकना चाहिए। कहते हैं कि प्रार्थना के समय ईश्वर में ध्यान ना लगाकर कुछ अन्य बातें सोचने से कोई लाभ नहीं होता है।

2. लोभ करना: भगवान की प्रार्थना करते समय मन में लोभ की भावना नहीं होनी चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग लोभ यानी कि लालच में ईश्वर को याद करते हैं, भगवान उनसे कभी भी प्रसन्न नहीं होते। और ऐसी प्रार्थना बेकार चली जाती है।

3. मंत्र जाप न करना: शास्त्रों में प्रार्थना के वक्त मंत्रों का जाप करने को अनिवार्य माना गया है। कहते हैं कि मंत्रों का जाप किए बीना ही प्रार्थना करने से उचित लाभ नहीं मिलता है।

4. सदैव मांगना: कुछ लोगों में यह आदत होती है कि वे प्रार्थना के समय सदैव भगवान से कुछ ना कुछ मांगते हैं। इस आदत को बहुत ही गलत माना गया है। कहा जाता है कि इससे भगवान आपकी प्रार्थना को नहीं सुनते हैं।

5. सदैव दुख में प्रार्थना करना: ऐसा भी देखा गया कि कुछ लोग दुख आने पर ही भगवान की प्रार्थना करते हैं। इसे गलत आदत माना गया है। कहा जाता है कि भगवान उन्हीं लोगों की प्रार्थना सुनते हैं, जो सुख में भी भगवान की प्रार्थना करते हैं।